सतर्क प्रहरी है रेलवे सुरक्षा बल, ‘इतने’ नाबालिकों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया

कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे, यात्रियों की संरक्षित एवं सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए रेल सुरक्षा बल 24 घंटे हमेशा तत्पर है।

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 रेलवे की सम्पत्ति और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे सुरक्षा बल सतर्क प्रहरी बनकर कार्य कर रहा है। फिर बात चाहे ‘ऑपरेशन नन्हे फरिशते,के तहत बच्चों को बचाने की हो, या फिर यात्रियों से छूटे सामान को सुरक्षित उन तक पहुंचाने की। आरपीएफ ने मुस्तैदी से काम किया है। यही नहीं आरपीएफ ने जुलाई में चलाए गए अखिल भारतीय अभियान के तहत मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 151 नाबालिक लड़को, 32 लड़कियां और 3 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। साथ ही इन मामलों में 47 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है। जुलाई में अभियान शुरू किया गया था। महीने के दौरान, ऑपरेशन एएएचटी के तहत निरंतर कार्रवाई की गई थी।

रेलवे सुरक्षा की कमान और नियंत्रण की एकात्मक संरचना के तहत अखिल भारतीय तक पहुंच है। बीते कुछ सालों में रेलवे सुरक्षा बल ने यात्रियों की सुरक्षा शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र विकसित किया है। ऑपरेशन नन्हे फरिस्ते के तहत 22 जुलाई को रेलवे स्टेशन चरखी दादरी पर एक नाबालिग लड़के को लावारिस हालात में पए जाने पर रेलवे सुरक्षा बल चरखी दादरी की टीम ने बच्चे को चाईल्ड हैल्प लाईन चरखी दादरी को सकुशल सुपुर्द किया। इसी प्रकार 23 जुलाई को जयपुर रेलवे स्टेशन पर पेसेंजर ट्रेन संख्या 19032 में एक यात्री अपना बैग भुलवश छोडकर उतर गया, जिसे रेलवे सुरक्षा जयपुर ने बैग के मालिक को बुलाकर सुपुर्द किया गया।

उत्तर पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार बीते पांच साल में दौरान रेलवे सुरक्षा बल ने 2178 लोगों को तस्करों के चंगुल से बचाया है, इसके अलावा 65000 से अधिक बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की जरूरत में महिलाओं व पुरुषों को बचाया है। स्टेशनों और ट्रेनों में अपनी रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाने के लिए इसकी अखिल भारतीय पहुंच और इसकी प्रतिक्रिया तंत्र पुलिस व अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसीयों की मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) के प्रयासों के तहत आरपीएफ ने हाल ही में मानव तस्करी के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है।

ऑपरेशन एएएचटी की पहल के तहत आरपीएफ ने हाल ही में देश भर में 750 एएचटीयू स्थापित किए हैं जो पुलिस थाना, जिला और राज्य स्तर पर कार्यरत एएचटीयू, खुफिया इकाइयों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेंगे और रेल के माध्यम से मानव तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे। हाल ही में आरपीएफ ने एनजीओ यानी स्वैच्छिक कार्रवाई संघ (एवीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें प्रशिक्षण के साथ-साथ मानव तस्करी के संबंध में जानकारी भी उपलब्ध होगी।

कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे, यात्रियों की संरक्षित एवं सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए रेल सुरक्षा बल 24 घंटे हमेशा तत्पर है। यात्री सुरक्षा संबंधी किसी भी घटना पर उपस्थित रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों को सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर 139 पर तुरंत सूचित कर सकते हैं।

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