वर्षा काल छत्रियों का होता है, हल्की सी फुहार के प्रारंभ होते ही, लोगों के छाते तन जाते हैं। इन छतरियों को ऊपर से देखें तो काला और रंगीन सा अवरण धरती को आच्छादित किये दिखता है। इसमें कुछ अलग दिखने की चाह रखनेवालों के लिए एक अनूठी कार्यशाला होने जा रही है। जिसमें अपनी छतरी लोग खुद रंग सकेंगे। यह कार्यशाला स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार 14 अगस्त, 2022 को सायं 4 से 7 बजे के बीच आयोजित है।
कार्यशाला की संकल्पना
इस कार्यशाला के आयोजन की संकल्पना स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और अच्युत पालव की है। जिसका शीर्षक है ‘अपनी छतरी, स्वत: रंगिये’ (आपली छत्री, आपणच रंगवा)। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर छतरियों को रंगने की संकल्पना के पीछे उद्देश्य है कि, रंगों के माध्यम से क्रांतिकारियों, वीर जवानों का स्मरण किया जाए। इसलिए इस कार्यशाला में जयोस्तुते, ने मजसी ने, सागरा प्राण तळमळला, जय जय शिवराय, अनादि मी अनंत मी, स्वतंत्रते भगवती, हे हिंदुनृसिंहा, वंदेमातरम् जैसी कालजयी रचनाओं को छतरियों पर उकेर सकते हैं।
इस संकल्पना के माध्यम से जब बारिश से बचाने के लिए लोग छतरियों को सिरोधार्य करेंगे तो एक ऐसा रंग बिखरेगा, जिसमें कालजयी रचनाएं, क्रांतिकारियों और वीर जवानों का स्मरण कराती कृतियां जीवंत हो उठेंगी। आकाश भी जब देखेगा तो भारत की वीर परंपरा को नमन करेगा।
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ऐसे ले सकते हैं सहभाग?
दिनांक – 14 अगस्त, 2022 रविवार
स्थान – स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, वीर सावरकर मार्ग, छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क, दादर, मुंबई – 400028
प्रवेश शुल्क – 1,750/- रुपए
संपर्क – 9220070383