चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद 3 अगस्त को कहा कि वह चीन नीति का उल्लंघन करने पर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी कदम उठाएगा।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हम वही करेंगे, जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें। चीन कहता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और एक दिन यह फिर से मुख्य भूमि से जुड़ जाएगा। चुनयिंग चीन की सहायक विदेश मंत्री भी हैं।
कठोर कार्रवाई की धमकी
-चुनयिंग ने कहा कि चीन अमेरिकी नेता पेलोसी के साथ-साथ राष्ट्रपति त्साई इंग वेन जैसे ताइवानी नेताओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। इनके खिलाफ कठोर, प्रभावी और दृढ़ उपाय किए जाएंगे।
-पेलोसी की सफल ताइवान यात्रा के बाद चीन के प्रभाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उसने अमेरिकी सदन की अध्यक्ष की यात्रा से पहले धमकी दी थी कि वह इसे नहीं होने देगा।
चीन की चेतावनी को दिखाया ठेंगा
चीन की धमकी को कोई तवज्जो दिए बिना पेलोसी 2 अगस्त की रात अमेरिकी वायुसेना के विमान से ताइपे पहुंची थीं। उनकी यह यात्रा दुनियाभर की सुर्खियों में छा गईं। पेलोसी की यात्रा में दिलचस्प बात यह रही कि उनके साथ ताइवान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी कांग्रेस के भारतीय मूल के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति भी शामिल थे, जो खुफिया मामलों पर सदन की स्थाई प्रवर समिति के सदस्य हैं। वे ताइवान की अपनी सफल यात्रा के बाद 3 अगस्त को ताइपे से रवाना हो गईं।