अब याकूब मेमन के हमदर्द कांग्रेस विधायक की बारी, मंत्री रहते हुए की थी मनमानी! ऐसा है प्रकरण

मुंबई के मढ से लेकर आक्सा-मार्वे समुद्री किनारे पर लगातार कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगता रहा है। यह क्षेत्र जितना पर्यावरण के उद्देश्य से संवेदनशील है उससे कहीं अधिक दो सैन्य स्थापनाओं को लेकर भी लक्ष्य केंद्रित करनेवाला रहा है। यहां पर आईएनएस हमला और एयरफोर्स के सेंटर हैं। इसके बाद भी अब यह स्थान हो़टल, लॉज और सिनेमा स्टूडियो का केंद्र बन गया है।

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उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री और कांग्रेस विधायक अस्लम शेख पर कार्रवाई के बादल मंडराने लगे हैं। उन पर कोस्टल रेग्यूलेशन जोन, नो डेवलेपमेन्ट जोन में निर्माण, मैंग्रूव नष्ट करने के आरोप हैं। इसको लेकर महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेन्ट अथॉर्टी ने मुंबई मनपा को पत्र लिखा है। अस्लम शेख वही विधायक हैं, जिन्होंने मुंबई बम धमाकों के दोषी याकुब मेमन को छुड़ानेवाले पत्र पर हस्ताक्षर किये थे। अवैध निर्माणों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर भी विधायक है।

मलाड क्षेत्र के विद्यमान विधायक अस्लम शेख, उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री थे, वे मुंबई शहर के गार्जियन मिनिस्टर रहे हैं। उन पर आरोप है कि, मलाड विधानसभा में आनेवाले एरंगल समुद्री किनारे उन्होंने अवैध निर्माण कराए हैं, जो कोस्टल रेग्यूलेशन जोन का उल्लंघन है। इस स्थान पर विधायक ने अवैध रूप से भराव करवाकर वहां खड़े मैंग्रूव भी नष्ट किये हैं। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के नेता किरिट सोमैया ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर राज्य सरकार बदलने के बाद कार्रवाई की सुध प्रशासन को हुई है।

होता रहा कानून का उल्लंघन
एरंगल समुद्री किनारा कोस्ट रेग्यूलेशन जोन एक अंतर्गत आता है। इसके साथ ही यह पूरा क्षेत्र नो डेवलपमेंट जोन के अंतर्गत निर्दिष्ट है। जिसके कारण यहां कोई भी निर्माण की अनुमति नहीं है। जिस स्थान पर अस्लम शेख ने स्टूडियो का निर्माण कराया है, ऐसा आरोप है कि, वहां मैंग्रूव के जंगल हुआ करते थे। जब उन पर अवैध रूप से भराव डाला जा रहा था, उस समय शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी सरकार थी। जबकि, पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय मुख्यमंत्री के पुत्र आदित्य ठाकरे के पास था। इसके साथ ही आदित्य ठाकरे मुंबई उपनगर के गार्जियन मिनिस्टर भी थे। परंतु, विपक्ष और सामाजिक संगठनों के हो हल्ले और विरोध की एक नहीं सुनी गई और देखते ही देखते कई एकड़ में फैला प्लॉट तैयार हो गया। यह सब उस समय हो रहा था, जब मुंबई में लोग कोरोना प्रतिबंधों के कारण घरों में सीमित कर दिये गए थे। मुंबई महानगर पालिका में शिवसेना की सत्ता थी। इसके बाद मुंबई मनपा से छह महीने के लिए फिल्म स्टूडियो खड़ा करने के लिए मंत्री अस्लम शेख ने अनुमति ली और स्टूडियो तभी से चल रहा है।

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भाजपा के किरिट सोमैया ने की शिकायत
एरंगल में सीआरजेड कानून के उल्लंघन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरिट सोमैया संबंधित विभागों में शिकायत लिखी। परंतु, राज्य की सत्ता में महाविकास आघाड़ी और मुंबई मनपा में शिवसेना का शासन होने से उसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। परंतु, जब शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सत्ता स्थापना की तो, करो़ड़ो के इस खेल का भेद खुल गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने भी महाविकास आघाड़ी के सत्ताधारियों के प्रति निष्क्रिय पड़े मुंबई महानगर पालिका को पत्र भेजा है।

प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर
विधायक अस्लम शेख पर आरोप है कि, उन्होंने इस क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक अवैध फिल्स स्टूडियो बनवाए हैं। भाजपा नेता किरिट सोमैया ने अस्लम शेख पर एक हजार करोड़ रुपए की धांधली का आरोप लगाया है। जानकारी यह मिली है कि, यह प्रकरण केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास से प्रवर्तन निदेशालय के पास भी जांच के लिए भेजा गया है।

मुस्लिम तुष्टिकरण और विवादों से संबंध
अस्लम शेख का मुख्य जनमत आधार मुस्लिम मतदाता ही माना जाता रहा है। इसी के आसपास उनकी सारी राजनीति चलती है। वे कई बार विवादों में घिरे रहे हैं और उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिनकी सूची लंबी होने के साथ बड़ी गंभीर है।

  • 28 जुलाई, 2015 को अस्लम शेख ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने मुंबई के अपराधी, जो 1993 के धमाकों में दोषी साबित हुआ था, उसमें फांसी की सजा पानेवाले याकूब मेमन पर दया करने की मांग की।

  • जनवरी 2021 में मालवणी क्षेत्र में हिंदुओं को परेशान करने का प्रकरण सामने आया था। आरोप है कि बहुसंख्य मुस्लिम आबादी ने वहां रहनेवाले हिंदुओं की जमीनों को डरा धमकाकर हथिया लिया और वहां अवैध मदरसे और दरगाह बना लिये। एक प्रकरण तो ऐसा था जिसमें, मुस्लिम आबादी ने वर्षों से वहां की चाल में रहनेवाले हिंदुओं को घर बेचकर अन्यत्र जाने को लेकर धमकाया। बातें न मानने पर उन्हें भोंगे लगाकर और विभिन्न प्रकार से परेशान किया जाने लगा। इस प्रकरण को मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने गंभीरता से लिया।

  • इस पर दलित संगठनों ने भी आवाज उठाई। जिन्हें परेशान किया जाता रहा था, उसमें से कई महाराष्ट्र के लोग थे, इसके बाद भी तथाकथित मराठी माणूस की हामी भरनेवाली ठाकरे की राज्य सरकार चुप बैठी रही। सूत्रों की मानें तो इस पूरे प्रकरण में स्थानीय विधायक अस्लम शेख की भूमिका मुस्लिमों के लिए सहायक मानी जाती रही है।

  • नवंबर 2021 में भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे मोहित कंबोज ने अस्लम शेख पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि, अस्लम शेख मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त हैं। इस आरोप में कहा गया था कि, अस्लम शेख का साथ काशिफ खान नामक व्यक्ति करता है। इस संबंध में जांच होती है तो आरोप कितने खरे हैं इसकी स्पष्टता हो पाएगी।

  • जनवरी 2022 में टीपू सुल्तान के नाम से एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। जिसके विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर उतरे और तीव्र विरोध हुआ।
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