उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ विजयी घोषित हुए हैं। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। इसके पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
राजस्थान के किसान परिवार से संबंध
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 में राजस्थान के झुंझूनु जिले में एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने चितौड़गढ़ सैनिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। भौतिक शास्त्र से स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने राजस्थान से ही वकालत की डिग्री हासिल की। राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने वकालत की।
ऐसे पहुंचे पहली बार संसद
1989 में वह पहली बार लोकसभा सांसद बने। झुंझुनु से ही उन्होंने लोकसभा की सीट जीती। वर्ष 1990 में वह संसदीय राज्यमंत्री बने। अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा से वर्ष 1993 में राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया। वैसे तो धनखड़ का राजनीतिक सफर वर्ष 1989 से शुरू हुआ था। उस वर्ष धनखड़ भाजपा के समर्थन से जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से लोकसभा चुनाव लड़े थे और इस चुनाव में वह जीत हासिल कर पहली बार संसद पहुंचे थे। धनखड़ केन्द्र सरकार में मंत्री भी रहे। जब जनता दल का विभाजन हो गया तो वह पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के खेमे में चले गए। बाद में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया। धनखड़ को कांग्रेस ने अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ाया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के बाद धनखड़ वर्ष 2003 में भाजपा में शामिल हुए।
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उच्च शिक्षित परिवार
जगदीप धनखड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है। जो एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बनस्थली विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। जगदीप धनखड़ और सुदेश धनखड़ की एक बेटी है। जिसका नाम कामना है। कामना ने एमजीडी स्कूल, जयपुर से पढ़ाई की है। कामना संयुक्त राज्य अमेरिका में बीवर कॉलेज (अब अर्काडिया विश्वविद्यालय) से स्नातक की उपाधि हासिल कर चुकी हैं ।