Friendship Day 2022 : जानिये, क्यों मनाया जाता है दोस्ती का ये त्योहार

इस वर्ष 7 अगस्त 2022, दिन रविवार को 'फ्रेंडशिप डे' यानी मित्रता दिवस मनाया जा रहा है। इसे प्रतिवर्ष अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है।

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दुनिया में कुछ रिश्ते ऐसे हैं, जो हमें ईश्वर की तरफ से नहीं मिलते बल्कि उन्हें हम खुद अपनी जिंदगी के लिए चुनते हैं। उन्हीं में से एक रिश्ता है दोस्ती का, हम अपने दोस्त खुद ही चुनते हैं। ये दोस्त हमारी खुशी में साथ नाचते हैं, तो दुख में हाथ थामे रहते हैं।

मित्रता और दोस्ती, पवित्र मन के मिलन से बनती है। हमारे सारे रिश्ते माता-पिता के साथ ही हमें गर्भ से मिल जाते हैं। परन्तु दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें हम अपनी पसंद या नापसंद के हिसाब से जोड़ते हैं। ये एक ऐसा खट्टा -मीठा रिश्ता है, जिसे हम अपने हृदय से जीते और निभाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सारे रिश्तों का समन्वय है ये रिश्ता, जिसे हम अपनी मर्जी से जोड़ते या तोड़ते हैं। हमारे पुराण और इतिहास भी दोस्ती की बहुत सारी गाथाओं से भरे पड़े हैं, जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए, ताकि हम इस रिश्ते की गरिमा बनाए रखें।

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फ्रेंडशिप डे मनाने के पीछे ये है कहानी
इस वर्ष 7 अगस्त 2022, दिन रविवार को ‘फ्रेंडशिप डे’ यानी मित्रता दिवस मनाया जा रहा है। इसे प्रतिवर्ष अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन को दोस्ती को समर्पित करने के पीछे एक कहानी है। इसके अनुसार एक बार अमेरिका की सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था। उस व्यक्ति का एक दोस्त था, जिसने अपने दोस्त की मृत्यु के गम में आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती की गहराई को सम्मान देने के लिए 1935 से अमेरिका ने इस दिन को दोस्ती का नाम कर दिया। एक-दूसरे किस्से के अनुसार वर्ष 1930 में जोएस हॉल नाम के एक बिजनेसमैन ने अपने दोस्त को तोहफे के रूप में कार्ड्स और गिफ्ट्स देकर इस दिन की शुरूआत की।

सच्चे दोस्त की पहचान
दुनिया में ऐसे कई दोस्त होते हैं, जो हमेशा समृद्धि के समय एक-साथ रहते हैं, लेकिन केवल सच्चे, ईमानदार और विश्वसनीय दोस्त, कभी भी बुरे समय, कठिनाई और परेशानी में हमें अकेला नहीं छोड़ते। हमारे बुरे समय में ही अच्छे और बुरे दोस्तों की पहचान होती है। अधिकांश लोग स्वभाविक रूप से पैसे वाले और समृद्ध व्यक्तियों की ओर आकर्षित होते हैं। परंतु सच्चा दोस्त कभी अपना स्वभाव नहीं बदलते और न ही हमें बुरा महसूस होने देते हैं। कभी-कभी अंहकार और आत्मसम्मान की बातों के कारण दोस्ती टूट भी जाती है। मगर सच्ची दोस्ती उचित समझ, संतोष और विश्वास को दर्शाती है। सच्चा दोस्त कभी शोषण नहीं करता बल्कि समय और आवश्यकता पड़ने पर मार्ग दिखाने का काम करता है और सही कार्य करने के लिए सदैव प्रेरित करता है।

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