बिहार की राजनीति में बड़ा खेला हो गया है। नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए हैं। वे एक बार फिर पलटी मार कर आरजेडी और अन्य पार्टियों के साथ जा सकते हैं। भाजपा से उनकी नाराजगी चरम पर थी और इसका परिणाम बिहार की राजनीति में देखने को मिल रहा है।
प्रदेश की कई महत्वपूर्ण राजनैतिक गतिविधियों ने भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलेंगे। उनके साथ आरजेडी नेता और नेता प्रति पक्ष तेजस्वी यादव भी जा सकते हैं। इससे पहले नीतीश और तेजस्वी यादव की मुलाकात हो सकती है।
आरजेडी तैयार
-मिली जानकारी के अनुसार 9 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आरजेडी की हुई बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बन गई है।
-बताया यह भी जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने आरजेडी के विधायकों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए हैं। वे इस समर्थन पत्र को नीतीश कुमार को सौंपने वाले हैं।
-खबर यह भी है कि भाजपा के मंत्री गठबंधन टूटने की आधिकारिक घोषणा होने से पहले त्याग पत्र दे सकते हैं।
ये हैं कारण, जिसके कारण नीतीश की बढ़ी भाजपा से नाराजगी
विधानसभा स्पीकर से अनबन
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच संबंध बिगड़ना। पिछले दिनों दोनों के बीच किसी मुद्दे पर बहस होने के बाद नीतिश कुमार काफी नाराज बताए जा रहे थे। सिन्हा भाजपा के कोटे से विधानसभा अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री उन्हें हटाना चाहते थे लेकिन भाजपा उनकी बात मानने को तैयार नहीं थी।
भाजपा की ये घोषणा
कुछ दिन पहले पटना में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। उस बैठक में प्रदेश के 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू करने की घोषणा की है। इससे जेडीयू नाराज थी। पार्टी नेताओं ने घोषणा की थी कि जेडीयू की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है।
आरसीपी प्रकरण में भाजपा की भूमिका
केंद्रीय मंत्रिमंडल में भाजपा द्वारा जेडीयू को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने से भी नीतीश भाजपा नेतृत्व नाराज थे। लोकसभा में उनके 16 सांसद हैं, जबकि वर्तमान में जेडीयू का एक भी नेता केंद्र में मंत्री नहीं है। हालांकि नीतीश कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी को केंद्र में प्रतिनिधित्व नहीं चाहिए। इसके बावजूद आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री बनकर नीतीश कुमार की घोषणा को नही माना। लेकिन अब आरसीपी का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। साथ ही नीतीश कुमार से बढ़ते मतभेद के कारण वे पार्टी भी छोड़ चुके हैं। इस पूरे प्रकरण में भाजपा की भूमिका से नीतीश कुमार नाराज बताए जाते हैं। उनका मानना है कि भाजपा ने आरसीपी को शह देकर जेडीयू के खिलाफ काम किया।
नड्डा की वो बात, नीतीश को खटक गई
इसके साथ ही हाल ही में महाराष्ट्र के प्रकरण मे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा दिए गए बयान से भी नीतीश कुमार नाराज हो गए थे। महाराष्ट्र में शिवसेना में राजनीतिक संकट आने से बिहार में जेडीयू चिंतित थी।