बीते माह में बिजनौर के एक युवक ने मुरादाबाद के एक सिपाही पर नौकरी लगवाने के नाम पर 91 हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। पीड़ित का आरोप था कि दिए हुए समय तक जब नौकरी नहीं लगी तो उसके अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपित सिपाही द्वारा फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी दी गई।
पीड़ित ने मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी शलभ माथुर से शिकायत की थी, जिस पर डीआईजी शलभ माथुर ने पूरे प्रकरण की बिजनौर के एएसपी से जांच कराई तो जांच में आरोपी सिपाही दोषी मिला। 8 अगस्त में रात एसएसपी मुरादाबाद हेमंत कुटियाल ने आरोपित सिपाही को सस्पेंड कर दिया।
यह है पूरा मामला
पीड़ित पवन कुमार कोट कादर थाना नगीना जिला बिजनौर का रहने वाला है। उसने डीआईजी को बताया कि नगीना थाने में तैनात रहे सिपाही मनोज वर्तमान तैनाती यूपी 112 मुरादाबाद से दोस्ती हो गई थी। इस दौरान सिपाही मनोज कुमार ने पवन कुमार को सहारनपुर एफसीआई में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर 91 हजार रुपये हड़पे थे। पीड़ित पवन कुमार को विश्वास में लेने के लिए पूर्व में नौकरी पर लगवाए गए युवकों से फोन पर बातचीत भी करवाई थी। विश्वास होने पर ही उसने सिपाही मनोज कुमार को किसी तरह पैसे एकत्र करके दिए थे। काफी समय बाद भी नौकरी नहीं लगी। इसके बाद पैसों की डिमांड की। इस पर उन्होंने फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
जांच में पुष्टि
डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बिजनौर के एएसपी से जांच कराई गई। जांच में सिपाही द्वारा पैसे लिए जाने की पुष्टि हुई।