मुंबई की विशेष कोर्ट ने 10 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एलगार परिषद मामले के एक आरोपित वकील सुरेंद्र गडलिंग का कथित मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में बयान दर्ज करने की अनुमति दे दी है। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के मामलों के विशेष न्यायाधीश राजेश जे कटारिया ने कहा कि अपराध की कोई कार्यवाही जांच का एक हिस्सा है और शिकायत दर्ज की गई है, इसलिए सुरेंद्र गडलिंग का बयान दर्ज किया जा सकता है। सुरेंद्र गडलिंग एलगार परिषद मामले में गिरफ्तारी के बाद 2018 से न्यायिक हिरासत में है।
जानकारी के अनुसार, ईडी ने एलगार परिषद मामले में एनआईए द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने कोर्ट को बताया कि गडलिंग मामले में मुख्य आरोपी है और वह उनका बयान दर्ज करना चाहता है। ईडी ने कहा कि वह भाकपा (माओवादी) का सक्रिय सदस्य थे और उन पर प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने और धन के वितरण में शामिल होने का संदेह है। इस याचिका का विरोध करते हुए गडलिंग ने दावा किया कि एजेंसी के पास उन्हें एक और मामले में फंसाने के लिए “दुर्भावनापूर्ण और गुप्त एजेंडा” है। उन्होंने कहा कि ईडी के आरोप “बिल्कुल निराधार” हैं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद, कोर्ट ने ईडी को तलोजा जेल में गडलिंग का बयान 17 से 19 अगस्त तक दर्ज करने की अनुमति दी, जहां वे वर्तमान में बंद है।
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उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसके तत्काल बाद पुणे के भीमा कोरेगांव में जातीय हिंसा हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और अरबों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इसलिए एलगार परिषद मामले में सुरेंद्र गडलिंग और कई अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच राज्य सरकार ने एनआईए को सौंप दिया था। एनआईए की जांच रिपोर्ट के आधार पर अब मामले की गहन छानबीन ईडी की टीम कर रही है।
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