पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद खास बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष और राज्य के सबसे विवादित नेता अणुव्रत मंडल को आखिरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई की टीम 11 अगस्त को सुबह 12 गाड़ियों में केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) के जवानों को लेकर जिले के बोलपुर स्थित मंडल के पैतृक आवास पहुंची। अणुव्रत मंडल के घर को चारों ओर से घेरकर अंदर से दरवाजा लॉक कर दिया गया। सीबीआई की टीम ने उनसे घर के अंदर ही पूछताछ शुरू की और जांच में सहयोग नहीं करने की वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई ने 10 बार बेजा था समन
मवेशी तस्करी मामले में उन्हें सीबीआई ने 10 बार समन भेजा था, जबकि वह केवल एक बार हाजिर हुआ था। 8 अगस्त को भी उसे हाजिर होने को कहा गया था। वह बीरभूम से कोलकाता आया था लेकिन सीबीआई दफ्तर जाने के बजाय एसएसकेएम अस्पताल चला गया था। उसने दावा किया था कि उसकी सेहत खराब है, जबकि एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर ने बताया था कि अस्पताल अधीक्षक के कहने पर उसे केवल सफेद कागज पर बेड रेस्ट लिख कर दिया गया था उसकी कोई चिकित्सकीय जांच नहीं हुई थी।
ऐसे दे रहा था चकमा
इसके अलावा 10 अगस्त को एक बार फिर सीबीआई की टीम ने उन्हें तलब किया था लेकिन जिला अस्पताल से डॉक्टर की टीम उनके घर पर उनकी मेडिकल जांच के लिए चली गई थी। बाद में पता चला था कि जिला प्रशासन के दबाव में डॉक्टरों को भेजा गया था, जिसे लेकर चिकित्सकों के संगठन ने आपत्ति जताई थी। इधर सीबीआई ने स्पष्ट कर दिया था कि अणुव्रत मंडल को पूछताछ के लिए आना ही होगा लेकिन वह नहीं आया।
1300 करोड़ से अधिक की मवेशी तस्करी का आरोप
आरोप है कि 1300 करोड़ से अधिक की मवेशी तस्करी के मामले में अणुव्रत मंडल बड़े पैमाने पर संलिप्त रहा है। उसके बॉडीगार्ड और बंगाल पुलिस के सामान्य कॉन्स्टेबल सहगल हुसैन के 100 करोड़ से अधिक रुपये की संपत्ति मिली है, जो मवेशी तस्करी के जरिए हासिल हुई है। लगातार पूछताछ के बाद अणुव्रत मंडल की संलिप्तता उजागर हुई थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।