महाराष्ट्र: भाजपा को मिले नए अध्यक्ष, शेलार की अवनति या उन्नति?

प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद दोनों ही पद रिक्त हुए थे।

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महाराष्ट्र की भाजपा में दो नई नियुक्तियां हुई हैं। जिसमें प्रदेशाध्यक्ष पद पर चंद्रशेखर बावनकुले और मुंबई अध्यक्ष पद पर आशिश कुलार को लाया गया है। यह दोनों पद के नेताओं के मंत्री बनने के बाद रिक्त हुए थे। ऐसा माना जा रहा है कि आशिश शेलार को मुंबई महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए लाया गया है। परन्तु भाजपा में ही खुशपुसाहट है कि यहां शेलार कि उन्नति हुई है या अवनति यहीं समझ में नहीं आ रहा है।

प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के मंत्री बनाए जाने के बाद अनुमान था कि इस पद पर आशिश शेलार, चंद्रशेखर बावन कुले या हंसराज अहीर में से किसी एक को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है। जिसमें से चंद्रशेखर बावन कुले की इस पद पर नियुक्ति हुई है जबकि, आशिश शेलार को मंगल प्रभात लोढ़ा के स्थान पर मुंबई अध्यक्ष पद दिया गया है। शेलार की यह नियुक्ति मुंबई महानगरपालिका चुनाव के दृष्टिगत को देखते हुए माना जा रहा है। इसके पहले मनपा चुनाव में आशिश शेलार की रणनीति सफल हुई थी, जिससे भजपा के 82 नगर सेवक 2017 के चुनाव में निर्वाचित होकर आए थे। जबकि, 2012 के चुनाव में भाजपा की मनपा में मात्र 31 नगर सेवक थे।

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मंत्री पद के बदले मिला संगठन
आशिश शेलार पूर्व में मुंबई भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं, इसके अलावा देवेन्द्र फडणवीस के 2014 के सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उनकी कार्यशैली और राजनीति को पकड़कर देखते हुए माना जा रहा था कि वर्तमान शिंदे, फडणवीस की सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री पद दिया जा सकता है। इसके अलावा दूसरा अनुमान महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष को लेकर लागाया जा रहा था। मुंबई अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह चर्चा है कि आशिश शेलार को उनकी कार्यकशलता के अनुसार पद नहीं दिया गया है। हालांकि इससपर आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई बात करने को तैयार नहीं है।

नहीं मिलेगा मंत्री पद?
चंद्रशेखर बावनकुले को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विश्वसनीय पात्र माना जाता रहा है। जबकि, आशीष शेलार केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के नजदीकी माने जाते हैं। इसके अनुरूप दोनों को मंत्री पद दिए दाने का अनुमान था। परंतु, अब संगठनात्मक पद पर नियुक्ति के बाद ‘एक व्यक्ति एक पद’ को देखते हुए दोनों के मंत्री न बनाए जाने की बात सुत्र भी कह रहे हैं।

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