शिव संग्राम के नेता विनायक मेटे का दुर्घटना में निधन, खो गई मराठा आरक्षण आंदोलन की आवाज

52 साल की उम्र में शिव संग्राम के नेता विनायक मेटे का निधन हो गया। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया।

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महाराष्ट्र में शिव संग्राम नेता विनायक मेटे का आकस्मिक निधन हो गया। जानकारी सामने आ रही है कि 52 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। हादसा 14 अगस्त सुबह करीब साढ़े पांच बजे मडप सुरंग में विनायक मेटे की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई । इस हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें मुंबई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मेटे का निधन हो गया, वहीं उनके बॉडीगार्ड और ड्राइवर की हालत गंभीर बनी हुई है। जब मेटे का अस्पताल में उपचार चल रहा था, दुर्भाग्य से उस दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

उनके सहयोगी और ड्राइवर एकनाथ कदम ने बताया कि विनायक मेटे और उनके सहयोगी 14 अगस्त को तड़के बीड से मुंबई जा रहे थे। उसी दौरान मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे पर माडप सुरंग के पास उनकी कार की दुर्घटना हो गई। उनके करीबियों ने बताया कि हादसे के करीब एक घंटे बाद उन्हें मदद मिली। इस हादसे में कार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मेटे के निजी सहायक और मेटे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेटे को सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं थीं। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था, लेकिन इस बीच उनकी मौत हो गई। कुछ राजनीतिक नेताओं ने यह भी कहा है कि उनके जाने से मराठा समुदाय को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.

विनायक मेटे कौन थे?
-विनायक मेटे शिव संग्राम पार्टी के नेता थे।

-मेटे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन में एक प्रमुख नेता थे। मेटे ने मराठा आरक्षण का विरोध किया।

-वे अरब सागर में शिव स्मारक समिति के अध्यक्ष थे।

-वे बिड जिले के कागे तालुका के राजेगांव के रहने वाले थे।

– वे शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान पहली बार विधायक बने थे।

-उसके बाद वे लगातार 5 बार विधान परिषद के सदस्य रहे।

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