झुनझुनवाला ने 5 हजार की पूंजी से खड़ा किया था ‘इतने’ हजार करोड़ का एम्पायर

शेयर बाजार का बिग बुल कहे जाने वाले झुनझुनवाला के बारे में कहा जाता था कि यदि वे मिट्टी को भी छू लें तो सोना बन जाती है।

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दलाल स्ट्रीट के बिग बुल कहे जाने वाले दिवंगत राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। उन्होंने महज पांच हजार रुपये की पूंजी से निवेश की शुरुआत की थी। आज उनकी नेटवर्थ तकरीबन 40 5.8 अरब डॉलर (करीब 46.18 हजार करोड़ रुपये) ज्यादा की है।

शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला 62 साल के थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर उनका निधन हो गया। झुनझुनवाला का जन्म 5 अगस्त 1960 को हुआ था। झुनझुनवाला ने पिछले हफ्ते ही ‘अकासा’ एयरलाइन के साथ सिविल एविएशन सेक्टर में एंट्री ली थी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शोक जताया है।

खास बातेंः
-राकेश झुनझुनवाला एक समय में स्टॉक मार्केट में बियर थे यानी मंदड़िए। उन्होंनें साल 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा होने पर शॉर्ट सेलिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाया था। झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की डिग्री ली थी। शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे।

-शेयर बाजार का बिग बुल कहे जाने वाले झुनझुनवाला के बारे में कहा जाता था कि यदि वे मिट्टी को भी छू लें तो सोना बन जाती है। निवेश के क्षेत्र में झुनझुनवाला की धाक इतनी थी कि उन्हें भारत का वॉरेन बफेट भी कहा जाता था। दुनियाभर में शेयर बाजार में उनकी पैनी नजर की मिसाल दी जाती है। कई बार बाजार में उठापठक की आंधी के बीच भी उन्होंने जिस तरह से व्यापार को संभाला उसने सभी को हैरान कर दिया।

-राकेश झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। दरअसल उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट को समझना शुरू कर दिया। फिर यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में अपनी उड़ान भरनी शुरू कर दी। फिर जब उन्हें फायदा होने लगा तो उन्हें पक्का यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है, तो वह सिर्फ यही जगह है।

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