भारत के लिए गुड न्यूज है। भारत बायोटेक देश में जल्द ही नेसल वैक्सीन का ट्रायल करने जा रहा है। इसका दूसरा और तीसरा ट्रायल नागपुर में किया जाएगा। नेसल वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है। अगर इसका दोनों ट्रायल सफल होता है तो कंपनी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा सकती है।
एक ही डोज काफी होगा
भारत बायोटेक के डॉ. कृष्णा इल्ला ने बताया कि उनकी कंपनी भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि इसका एक ही डोज काफी होगा। इल्ला ने दावा किया कि रिसर्च में यह स्पष्ट हो गया है कि ये एक बेहतरीन ऑप्शन है। भारत बायोटेक इसके ट्रायल के लिए बहुत जल्द डीसीजीआई से मंजूरी मांगेगा।भारत में अभी तक दो वैक्सीन सिरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है।
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नागपुर के साथ दूसरे शहरों में भी ट्रायल
मिली जानकारी के अनुसार नागपुर के साथ ही इसका ट्रायल भुवनेश्वर, पुणे, हैदराबाद में भी इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा सकता है। इस दौरान 18 से 65 वर्ष के करीब 45 वॉलंटियर्स का चयन किया जाएगा। कंपनी से मिली जानकारी के मुताबिक भारत-बायोटेक अभी भी दो इंट्रा-नेसल वैक्सीन पर काम कर रहा है।
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नेसल वैक्सीन ज्यादा कारगर
अभी तक जो भी वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है, वे सब हाथ पर लगाई जाती हैं। लेकिन नेसल वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाएगा। बता दें कि कोराना वायसराय का संक्रमण सबसे ज्यादा नाक के जरिए होता है। इस वजह से इसके ज्यादा कारगर साबित होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नाक के जरिए वैक्सीन दी जाती है तो शरीर में इम्युन रिस्पॉन्स बेहतरीन ढंग से होता है। नाक किसी भी तरह के इन्फेक्शन को रोकता है। इससे वायरस शरीर में फैल नहीं पाता है।
साबित हो सकती है गेम चेंजर
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये कारगर साबित होता है तो नेसल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में गेम चेंजर साबित हो सकती है। उनका कहना है कि जो वैक्सीन इंजेक्शन द्वारा लगाई जाती है, उससे शरीर के मात्र निचले हिस्से का लंग सुरक्षित हो पाता है। लेकिन नाक के जरिए दी जानेवाली वैक्सीन से शरीर का ऊपरी और निचला दोनों सेफ होने की संभावना रहती है। भारत से पहले यूनाइटेड किंगडम में नेसल वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है।