अगले कुछ महीनों में हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात विधानसभा का भी चुनाव होना है। लेकिन हिमाचल प्रदेश में जहां उसके वोट बैंक पर आम आदमी पार्टी सेंध लगाने को तैयार है, वहीं गुजरात में उसे झटके लगना जारी है। पार्टी के 6 विधायक हाथ का साथ छोड़कर कमल के साथ होने को तैयार हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक भावेश कटारा, चिराग कलगारिया, ललित वसोया, संजय सोलंकी, महेश पटेल और हर्षद रिबादिया पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। ये सभी विधायक भाजपा प्रदेश सीआर पटेल से मिल भी चुके हैं।
पार्टी के पास फंड का अभाव
गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि फंड नहीं मिलने से ये विधायक नाराज हैं। उन्होंने कहा कि ये विधायक उनसे मिले थे और चुनाव के लिए फंड की मांग की थी, लेकिन फिलहाल कांग्रेस के पास ऐसी कोई योजना नहीं है। पार्टी उनकी मांग पूरी करने की स्थिति में नहीं है।
डैमेज कंट्रोल में जुटे गहलोत
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत डैमेज कंट्रोल में लग तो गए हैं। वे गुजरात पहुंच गए हैं, लेकिन इसमें उन्हें सफलता मिलने की गुंजाइश कम है। इससे पहले गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेश रावल और राजू परमार ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है।
छह विधायकों में से चार पाटीदार
पार्टी छोड़ने का मन चुके छहों विधायकों में से चार पाटीदार हैं। बता दें कि बड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उसके बाद से ही पार्टी में भगदड़ मची है। अब चार पाटीदार विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगना तय है।
चुनाव में आएंगी मुश्किलें
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने माना कि पार्टी के पास फंड की भारी कमी है। इस कारण पार्टी को चुनाव मे भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 50 हजार पोलिंग बूथ पर अगर हम चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक एजेंट को 5 हजार रुपए भी दें, तो अमाउंट काफी बड़ा हो जाता है। दूसरी ओर भाजपा 10 हजार भी आसानी से दे देगी। इस स्थिति में पार्टी को चुनाव में आर्थिक दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।