बिहार में नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ न्यायालय ने अपहरण के मामले में वारंट जारी किया है। इसके बाद भी उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है। जिस दिन कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली उसी दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक न तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है और न ही जमानत के लिए याचिका की है।
राष्ट्रीय जनता दल के विधान परिषद सदस्य और नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के विरुद्ध अपहरण, वसूली, दंगे का प्रकरण पंजीकृत था, जिसकी सुनवाई में न्यायालय ने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। यह अत्मसमर्पण जिस दिन करना था, उसी दिन कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद की शपथ ले ली।
ऐसा है प्रकरण
जानकारी के अनुसार 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के विरुद्ध वारंट जारी किया है। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनभिज्ञता व्यक्त की है। जबकि, कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण, वसूली और दंगे जैसे चार प्रकरण दर्ज है।
ये भी पढ़ें – बिहारः भाजपा ने नीतीश कुमार पर लगाया ये आरोप, 2024 में 35 सीटों पर जीत का रखा लक्ष्य
कार्तिकेय सिंह ने पटना उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने 16 फरवरी, 2017 को कार्तिक सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
Join Our WhatsApp Community