3 साल में कितने करोड़ ग्रामीण परिवारों को मिला नल का जल? प्रधानमंत्री ने किया ये दावा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं कह रही हैं कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती ‘जल सुरक्षा’ की होगी। पानी का अभाव विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में भी अवरोध बन सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अगस्त को देशवासियों के साथ ‘हर घर नल जल’ और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियों साझा करते हुए कहा कि अमृत काल में भारत बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है और आज इससे जुड़े तीन पड़ाव हमने पार कर लिये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। हम सभी ने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पणजी में ‘हर घर जल उत्सव’ कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर देश की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं। यह हर घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की बड़ी सफलता है।

संबोधन की खास बातेंः
-उन्होंने बताया कि गोवा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसे हर घर तक जल पहुंचाने का सर्टिफिकेट जारी किया गया है। वहीं दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी हर घर जल सर्टिफिकेट पाने वाला पहला केंद्र शासित राज्य बन गया है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि एक उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है। अब देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं। कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था। इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ओडीएफ प्लस बनाएंगे। देश ने अब एक अहम माइलस्टोन हासिल किया है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ की सफलता चार मजबूत स्तंभों पर टिकी है। पहला है- जनभागीदारी, साझेदारी, राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों का बेहतर और पूर्ण इस्तेमाल। उन्होंने कहा कि सिर्फ 3 साल के भीतर ‘जल जीवन मिशन’ के तहत 7 करोड ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी से जोड़ा गया है। यह सामान्य उपलब्धि नहीं है। आजादी के 7 दशकों में देश सिर्फ तीन करोड़ ग्रामीण परिवारों तक की पाइप से जल की सुविधा उपलब्ध करा पाया था।

-उन्होंने कहा कि नई सरकार बनने के बाद हमने अलग जल शक्ति मंत्रालय बनाया। इस अभियान पर 3 लाख 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 100 साल की सबसे बड़ी महामारी की वजह से रुकावटें आईं, लेकिन इसके बावजूद इस अभियान की गति कम नहीं हुई। 7 दशकों में जितना काम हुआ था, उससे 2 गुने से ज्यादा काम देश ने 3 साल में करके दिखाया है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं कह रही हैं कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती ‘जल सुरक्षा’ की होगी। पानी का अभाव विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में भी अवरोध बन सकता है। इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए सेवाभाव, कर्तव्यभाव से 24 घंटे काम करने की जरूरत है। उनकी सरकार बीते 8 साल से इसी भावना के साथ ‘जल सुरक्षा’ के लिए काम कर रही है। भारत में अब रामसर साइट यानी ‘वेटलैंड’ की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है। इनमें से 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं, यानी जल सुरक्षा के लिए भारत चौतरफा प्रयास कर रहा है और हर दिशा में नतीजे मिल रहे हैं।

-इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज एक बहुत महत्वपूर्ण और पवित्र दिवस है। देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। दुनियाभर में फैले भगवान श्रीकृष्ण के सभी भक्तों को बहुत-बहुत बधाई। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मौजूद रहे।

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