देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर प्रधानमंत्री ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी, उसके बाद चरणबद्ध ट्वीट कर देश के साथ उपलब्धियों को साझा किया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अगस्त को देशवासियों के साथ ‘हर घर नल जल’ और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियों साझा करते हुए कहा कि अमृत काल में भारत बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है और इससे जुड़े तीन पड़ाव हमने पार कर लिये हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और उससे भी कहीं ज्यादा मेहनत देश बनाने के लिए करनी पड़ती है। हमने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी, उसके बाद चरणबद्ध ट्वीट कर देश के साथ उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं। यह हर घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की बड़ी सफलता है।

उन्होंने बताया कि गोवा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसे हर घर तक जल पहुंचाने का सर्टिफिकेट जारी किया गया है। वहीं दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी हर घर जल सर्टिफिकेट पाने वाला पहला केंद्र शासित राज्य बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है। अब देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं। कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था। इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ओडीएफ प्लस बनाएंगे। देश ने अब एक अहम माइलस्टोन हासिल किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ की सफलता चार मजबूत स्तंभों पर टिकी है। पहला है- जनभागीदारी, साझेदारी, राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों का बेहतर और पूर्ण इस्तेमाल।

उन्होंने कहा कि सिर्फ 3 साल के भीतर ‘जल जीवन मिशन’ के तहत 7 करोड ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी से जोड़ा गया है। यह सामान्य उपलब्धि नहीं है। आजादी के 7 दशकों में देश सिर्फ तीन करोड़ ग्रामीण परिवारों तक की पाइप से जल की सुविधा उपलब्ध करा पाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब रामसर साइट यानी ‘वेटलैंड’ की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है। इनमें से 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं, यानी जल सुरक्षा के लिए भारत चौतरफा प्रयास कर रहा है और हर दिशा में नतीजे मिल रहे हैं।

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