केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर पलटवार करते हुए 19 अगस्त को कहा कि दिल्ली के ‘एक्साइज’ (आबकारी) मंत्री ‘एक्सक्यूज’ (बहाना बनाने वाले) मंत्री बन गए हैं। मामला शराब के कारोबार के लाइसेंस और इसमें शामिल भ्रष्टाचार से जुड़ा है। संबंधित मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। उन्होंने सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद आबकारी नीति को पलट दिया। साफ है, शराब के कारोबार के लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार किया गया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जांच के डर से अरविंद केजरीवाल को शिक्षा के बारे में बोलना पड़ा। यह शिक्षा की बात नहीं है, यह आबकारी नीति का मामला है। लोगों को मूर्ख मत समझिए। लोगों को जवाब चाहिए। आबकारी नीति में भ्रष्टाचार से केजरीवाल और सिसोदिया का असली चेहरा सामने आ गया है।
वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने आबकारी घोटाले के संबंध में सिसोदिया के परिसरों पर छापा मारा, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे ईमानदारी की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा सुविधाओं में सुधार के उनके कार्य को पटरी से उतारने के लिए उनके खिलाफ जांच की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी। दिल्ली सरकार ने इसके तुरंत बाद इस नीति को वापस ले लिया था।