दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस खबर पर अपने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की प्रशंसा कर रहे हैं, अब उस पर भी सवाल उठने लगे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से छापे गए इस लेख पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह ‘पेड़ न्यूज’ है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने चुनौती दी है भाजपा अपनी उपलब्धियों पर समाचार छपवाकर दिखायें।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 अगस्त को आबकारी नीति पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बचाव में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है। अमेरिका जैसे देश के नामी अखबार ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की प्रशंसा की है। उन्होंने न्यूयॉर्क के टाइम्स में छपे लेख को भी दिखाया।
इस लेख पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने इसे पेड न्यूज़ का दर्जा दिया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल गजब के विज्ञापनजीवी हैं। अब विदेशों में भी विज्ञापन पर खूब खर्चा करके न्यूयार्क टाइम्स और खालीज टाइम्स में एक जैसा विज्ञापन छपवाया है। आप केवल जनता की मेहनत की कमाई पर बस अपना प्रचार-प्रसार करवा रहे है।
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सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने लेख में एक तस्वीर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लेख में छपी सरकारी स्कूल का फ़ोटो असल में निजी ‘मदर मैरी स्कूल, मयूर विहार’ का है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी कोई काम बिना हेरा-फेरी के नहीं कर सकती।
दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने लेख को लिखने वाले व्यक्ति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसे लिखने वाला लेखक करनदीप सिंह खालिस्तानी विचारधारा से जुड़ा है। अरविंद केजरीवाल ने खालिस्तानी लेखक के जरिए पैसे के दम पर लेख छपवाए हैं।
इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा के बयान हास्यास्पद हैं। वहां कभी किसी भाजपा नेता की खबर नहीं छपी। भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है। यह सबसे अमीर राजनीतिक दल है। अगर कोई उन्हें खरीद सकता है तो उन्हें न्यूयॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर रोजाना दिखना चाहिए।
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा कुछ भी कह रही है। भाजपा में जितना दिमाग है उतना ही सोच पाती है। न्यूयार्क टाइम्स के फ्रंट पर दिल्ली की शिक्षा क्रांति पर ख़बर छपी। खलीज टाइम्स ने न्यूयार्क टाइम्स के साभार देते हुए ख़बर छापी तो भाजपा के हिसाब से वो पेड न्यूज हो गई? समाचार एजेंसियों के समाचार अगर अखबार छापें तो क्या वे पेड न्यूज होते हैं।
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