जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 19 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा संगठन के दो आतंकियों को गिरफ्तार करके बडगाम जिले के गोपालपोरा चडूरा ग्रेनेड हमले का केस सुलझा लिया है। यह ग्रेनेड आतंकियों द्वारा स्वतंत्रता दिवस की शाम को फेंका गया था।
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि बडगाम पुलिस ने 15 अगस्त, 2022 को गोपालपोरा में अल्पसंख्यक पर ग्रेनेड हमले को अंजाम देने वाले लश्कर के दो आतंकियों साहिल वानी और अल्ताफ फारूक उर्फ आमिर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए वाहन को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। गोपालपोरा चडूरा ग्रेनेड हमले में अल्पसंख्यक समुदाय का एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था।
15 अगस्त को हमले में कृष्ण कुमार हो गया था घायल
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि 15 अगस्त, 2022 की देर शाम को गोपालपोरा चडूरा में ग्रेनेड फेंकने की एक घटना हुई, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय का एक व्यक्ति कृष्ण कुमार घायल हो गया। घायल को इलाज के लिए एसएमएचएस अस्पताल में ले जाया गया। यह मामला थाना चडूरा में दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और अपराध स्थल की जांच की।
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कई संदिग्धों से की गई पूछताछ
प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान एक छोटा सीसीटीवी फुटेज मिला, जिससे पता चला कि स्कूटी पर सवार दो आतंकी ग्रेनेड फेंकने की घटना में शामिल रहे हैं। इसके बाद कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में बुलाया गया। आगे की जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि साहिल अहमद वानी नामक एक व्यक्ति इस घटना में शामिल है। जो तंगनार क्रालपोपरा चडूरा का निवासी है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
आपत्तिजनक सामग्री के साथ हथगोला बरामद
पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह इस हमले में शामिल था लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अल्ताफ फारूक उर्फ अमीर है, जो आतंकी है और तंगनार क्रालपोरा का रहने वाला है। पुलिस द्वारा उक्त स्थान पर छापेमारी कर आतंकी अल्ताफ फारूक उर्फ अमीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से आतंकवादी संगठन टीआरएफ के पोस्टर, कुछ आपत्तिजनक सामग्री और एक हथगोला बरामद किया गया। पुलिस ने इस हमले को अंजाम देने में इस्तेमाल की गई स्कूटी (जेके01 एएच 7426) को भी जब्त कर लिया। आतंकी अल्ताफ फारूक उर्फ आमिर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से पैसे के अवैध हस्तांतरण, रसीद और वितरण में शामिल पाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि मामले की जांच अपने शुरुआती चरण में है लेकिन और भी गिरफ्तारियां और बरामदगी की उम्मीद है। समाज में भय का माहौल बनाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों (टीआरएफ) के निर्देश पर ग्रेनेड फेंका गया था।
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