महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने 21 अगस्त को नांदेड़ पहुंचकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से मुलाकात की। इन दोनों नेताओं के बीच आधे घंटे तक एकांत में वार्ता हुई। इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर सियासत गरमा गयी है।
जानकारी के अनुसार नांदेड़ के दौरे पर आए कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने जिले में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की समीक्षा की। बैठक के बाद मंत्री सत्तार शिवाजीनगर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के आवास पहुंचे और चव्हाण के साथ आधे घंटे तक बंद कमरे में वार्ता की। वार्ता के बाद दोनों ने कहा कि सब कुछ ठीक है।
अशोक चव्हाण मेरे गुरुः सत्तार
सत्तार ने कहा कि अशोक चव्हाण, स्वर्गीय श्रीकांत चव्हाण ने मेरे राजनीतिक करियर में बहुत योगदान दिया है। मैंने उनके मार्गदर्शन में काम किया है। आज भी उन्हें मराठवाड़ा, महाराष्ट्र और किसानों के बारे में जानकारी है। सत्तार ने कहा कि उनकी पढ़ाई अच्छी हैए अशोक चव्हाण मेरे गुरु हैं। इसलिए मैं उनका आशीर्वाद लेने आया हूं। सत्तार ने यह भी कहा कि अगर हमारे बीच कोई कड़वाहट होती तो हम अशोक चव्हाण से मिलने नहीं आते। चव्हाण ने कहा कि अब्दुल सत्तार शंकरराव चव्हाण के समय कांग्रेस में शामिल हुए थे। इस समय हम अलग-अलग राजनीतिक दलों में हैं लेकिन हमारी दोस्ती बहुत पुरानी है। चाहे कोई भी दल हो, दोस्ती का रिश्ता स्थायी होता है। अशोक चव्हाण ने कहा कि शुरू से ही मेरा मानना है कि राजनीति में मतभेद तो होना चाहिए लेकिन व्यक्तिगत मतभेद नहीं।
गरमाई सियासत
दोनों नेताओ की मुलाकात के बाद राज्य में सियासी माहौल गर्म हो गया है। इससे पहले शिंदे समूह ने कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया था। साथ ही अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विश्वासमत के दौरान भी विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए थे। इसलिए अशोक चव्हाण के बारे में आज अब्दुल सत्तार के साथ हुई मुलाकात के बाद अलग अलग के तर्क लगाए जा रहे हैं।