आदिवासी विकास मंत्री विजय कुमार गावित ने 25 अगस्त को विधानसभा में बताया कि महाराष्ट्र में कुपोषण नहीं है। इसके बाद शिवसेना युवा नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि 75 साल में राज्य में आदिवासी समाज का विकास नहीं हुआ, इसलिए सभी राजनीतिक दलों को लाज आनी चाहिए।
इसके बाद वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लाज आनी चाहिए शब्द पर अपना विरोध जताया। इसके बाद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सभी विधायकों को असंसदीय शब्द का प्रयोग न करने की चेतावनी दी।
विधानसभा में ऐसे चला सवाल-जवाब
महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट में कुपोषण का मुद्दा विधानसभा में विपक्षी नेता अजीत पवार ने उठाया। अजीत पवार पिछले 19 और 20 अगस्त को मेलघाट के आदिवासी इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने सभागृह में कहा कि सरकार किसकी है, यह महत्वपूर्ण नहीं है, आदिवासियों का विकास नहीं हुआ है, यह सही है। इसके बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि आदिवासी समाज की हालत बहुत ही चिंताजनक है। जब भी हम उन इलाकों का दौरा करते हैं, बहुत ही दुख होता है। हमें लगता है कि 75 साल से विभिन्न राजनीतिक दल सत्ता में रहे हैं, फिर भी आदिवासी समाज की हालत पहले जैसे ही है। इसलिए हम सभी को लाज आनी चाहिए।
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सुधीर मुनगंटीवार ने जताया ऐतराज
इस पर वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने ऐतराज किया, मुनगंटीवार ने कहा कि आदित्य ठाकरे का शब्द लाज आनी चाहिए, असंसदीय है। इसके बाद विधानसभा का माहौल गरमा गया। शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने वनमंत्री के बयान का विरोध किया। साथ ही आदिवासी विकास मंत्री ने कहा कि आदिवासी विभाग में हुई मौतों को कुपोषण से जोड़ा नहीं जा सकता है। इसका कारण इन मौतों की पुष्टि जिन डाक्टरों ने की है, उन्होंने मृत्यु का कारण कुपोषण नहीं बताया है। हाई कोर्ट ने भी इसी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर मेलघाट में बच्चों की मौत कुपोषण से हुई मौत नहीं माना है। इसके बाद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने लोकसभा की ओर से जारी नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि लाज आनी चाहिए, शब्द असंसदीय है, विधायक इस शब्द का उपयोग भविष्य में न करें। इसके बाद सदन का कामकाज पटरी पर आया और आगे का कामकाज शुरू हुआ।