असम के साथ अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड के बीच लंबे समय से चली आ रहे सीमा विवाद का समाधान करने के लिए असम सरकार जरूरी कदम उठा रही है।फिलहाल अरुणाचल प्रदेश का सीमा विवाद दूर करने के लिए शुक्रवार को बैठकों का दौर तेज हो गया है। मंत्री एवं अधिकारी स्तर पर अरुणाचल प्रदेश के दो जिलों में अलग-अलग बैठकें हो रही हैं।
असम के शोणितपुर जिला के बालीपारा में असम और अरुणाचल प्रदेश के मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच 22 अगस्त को एक बैठक हुई थी जिसमें सीमा विवाद का समाधान करने के लिए आपसी सहमति के साथ चर्चा शुरू किये जाने का फैसला हुआ। बैठक में आगामी 2 सितंबर को सीमावर्ती दोनों राज्यों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने को लेकर सहमति बनी थी।
इसी कड़ी में शुक्रवार को अरुणाचल के पापूम पारे जिला के तारासू में एक बैठक बुलाई गई जिसमें असम के बिश्वनाथ जिला के उपायुक्त और अरुणाचल के पापूम पारे जिला के उपायुक्त के अलावा दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षक और वन विभाग के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिला के कानूबारी स्थित जिला उपायुक्त कार्यालय में एक और बैठक चल रही है।
इस बैठक में असम सरकार के कैबिनेट मंत्री बिमल बोरा, सोनारी के विधायक धर्मेश्वर कोंवर, अरुणाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हनसूम नांगडाम, विधायक ग्रेबायेल बांग्चू, टांग्फू वांग्नाओ, असम सर्व शिक्षा अभियान मिशन के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश, चराईदेव जिला उपायुक्त पल बरुवा, अतिरिक्त उपायुक्त जावेद आरमान के साथ दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
असम सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने मेघालय के साथ कुल 12 सीमावर्ती स्थानों पर चल रहे सीमा विवाद का समाधान करने के लिए पिछले वर्ष पहल की थी। इस दौरान असम-मेघालय के 12 में से 6 स्थानों पर आपसी सहमति से विवाद का समाधान करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे। दूसरे चरण में शेष 6 सीमावर्ती समस्याओं के समाधान को लेकर भी फिर से बैठकों का दौर शुरू किया गया है।
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इसी तरह से मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पहल शुरू की गयी है। नागालैंड के साथ भी असम सरकार सीमा विवाद का समाधान करने के लिए कदम उठा रही है।
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