विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ. वीरेंद्र साहू ने अंकिता के निधन पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने 28 अगस्त को राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट से शाहरुख को फांसी की सजा दी जाए। साथ ही अंकिता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करें।
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उन्होंने कहा कि झारखंड में मुस्लिम तुष्टिकरण की बढ़ती हुई गतिविधि के कारण ही कट्टरपंथी जिहादी के बेदी पर दुमका की अंकिता की बलि चढ़ गई। विगत पांच दिन पूर्व शाहरुख ने अंकिता को पेट्रोल छिड़क कर जलाने का प्रयास किया था। रिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
ये है पूरा मामला
बता दें कि झारखंड के दुमका जिले के नगर थाना क्षेत्र की जरूवाडीह निवासी इंटरमीडिएट की छात्रा अंकिता सिंह की 27 अगस्त की देर रात रिम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई। अंकिता नाबालिग थी। 23 अगस्त को एकतरफा प्यार में पागल पड़ोसी युवक शाहरुख हुसैन ने खिड़की से अंकिता पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। इस घटना में वह गंभीर रूप से झुलस गई थी। पहले उसका इलाज दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चला। बाद में उसे रिम्स रेफर किया गया। रिम्स में 27 अगस्त की देर रात उसकी मौत हो गई।
पीड़िता के परिजनों का आरोप
अंकिता के परिजन अविनाश का आरोप है कि करीब 22 दिन पहले आरोपित ने घर पर पत्थरबाजी की थी। इससे खिड़की के शीशे टूट गये थे। वह लगातार अंकिता को तंग कर रहा था। अंकिता के दो बहनें और एक भाई हैं। पिता मार्केटिंग का काम करते है। अंकिता की मां करीब डेढ़ वर्ष पहले गुजर गई थीं।