चर्चित यूके एसएमएससी पेपर आउट मामले में की जा रही जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। लखनऊ के पेपर आरएमएस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था। इसी मामले में प्रिंटिंग प्रेस मालिक राजेश चौहान को हिरासत में लिया गया है। धामपुर निवासी रिश्तेदार के माध्यम से दो करोड़ में पेपर लीक का सौदा तय होने के बाद पेन ड्राइव के माध्यम से केन्द्र पाल को पेपर उपलब्ध कराया गया। इस खुलासे के बाद धामपुर जिला बिजनौर के कई आरोपी का एसटीएफ के हत्थे चढ़ना तय माना जा रहा है।
पेपर लीक मामले में अब तक देहरादून की टीम ने 26 लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज चुकी है। इसमें धामपुर निवासी जेई ललित शर्मा के साथ केन्द्र पाल और अब प्रिटिंग प्रेस मालिक राजेश के रिश्तेदार का नाम भी जुड़ गया है। इस रिश्तेदार के केन्द्र पाल से घनिष्ठ सम्बन्ध होना बताया गया है। केन्द्रपाल ने इसी रिश्तेदार के माध्यम से राजेश चौहान से पेपर लीक करने का सौदा किया था।
ये हुआ खुलासा
एसएसपी एसटीएफ देहरादून अजय सिंह का कहना है कि केन्द्र पाल के सम्बन्ध राजेश चौहान के धामपुर निवासी रिश्तेदार से है। इसी का फायदा उठाते हुए केन्द्र पाल ने लखनऊ में पकड़ बनाईं, जिसके बाद दो करोड़ में सौदा हुआ। दो करोड़ की धनराशि सीधे नहीं देकर ससुराल के रिश्तेदार के माध्यम से ही पहुंचाई गई। इस सबका खुलासा केन्द्रपाल तथा राजेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद हुआ है।
केंद्र पाल के बारे में ये जानकारी आई सामने
-हिरासत में लेने के बाद ये भी सामने आया कि केन्द्र पाल 2006 में काम की तलाश में देहरादून गया था, जहां कई दिन खाली गुजारने के बाद उसने टैम्पो चलाना शुरू किया। चार-पांच साल टैम्पो चलाने के बाद 2011-12 में केन्द्र पाल ने देहरादून में ही एक रेडीमेड की दुकान पर नौकरी की। कपड़े के काम में अनुभव मिलने पर खुद ही दिल्ली व अन्य स्थानों से शर्ट लाकर बेचने का काम किया। इसके बाद धामपुर में एक शर्ट बनाने का कारखाना लगाकर उत्तराखण्ड में शर्ट सप्लाई का काम भी किया।
-केन्द्र पाल ने पूछताछ में बताया कि 2012 में रेडीमेड शर्ट बेचते समय उसकी मुलाकात धामपुर निवासी एक व्यक्ति ने चंदन मनराल से कराई थीं। चंदन मनराल पेपर लीक मामले में पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। चंदन मनराल व हाकम सिहं करीबी मित्र हैं। हाकम सिंह से केन्द्र पाल की मुलाकात भी हरिद्वार के एक लेबर कान्ट्रेक्टर के माध्यम से हुई थी। हाकम सिंह रावत हरिद्वार में एक बड़े अधिकारी के यहां बावर्ची का काम करता था। सम्बन्ध होने के बाद केन्द्रपाल व हाकम सिंह का एक दूसरे के आना-जाना शुरू हो गया।
-बताया गया है कि केन्द्र पाल की मुलाकात कुछ समय बाद जगदीश स्वामी से अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में हुई, जहां जगदीश शिक्षक के साथ पुजारी का काम भी करता था, इन चारों आरोपियों की इस बीच अच्छी मित्रता हो गई। चारों ने उत्तराखण्ड में निकलने वाली सरकारी भर्तियाें का सौदा करना शुरू कर दिया। इसके अलावा प्रतियोगिता में नकल कराने के लिए गिरोह बना लिया। एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में पहले चंदन मनराल तथा बाद में हाकम सिंह को गिरफ्तार करने के बाद केन्द्र पाल के साथ उसके अन्य साथियों के नाम व उनकी भूमिका के बारे में जानकारी मिल सकी । इससे पहले गिरफ्त में आये ललित शर्मा ने भी केन्द्र पाल का नाम बताते हुए कई कड़ियों को जोड़ा था । केन्द्र पाल ने भी पेपर लीक मामले में जुड़े धामपुर के कई नामों के खुलासे किये है।
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धामपुर में पूरी रात सेन्टर चलाकर की गई थी नकल की तैयारी
पूछताछ में सामने आया है कि केन्द्र पाल व उसके साथियों द्वारा अभ्यर्थियों को पेपर याद करवाने के लिए उत्तराखण्ड से धामपुर ले जाकर कोचिंग दी जाती थी, जिसमें लीक पेपर को हल कराया जाता था। यह क्लास पूरी रात चलती थी, इस सब के बदले अभ्यर्थियों से लाखों वसूले जाते थे। एसटीएफ 2015 में हुई जेई की हुई भर्ती परीक्षा को भी धांधली की आशंका से देख रही है। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार ललित शर्मा की पत्नी इसी परीक्षा में बैठकर पास हुई थी। इस मामले में भी एसटीएफ ने ललित शर्मा से काफी पूछताछ की है।