भारत ने क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा है कि उसने अफगानिस्तान को 40 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं भेजा है। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अफगानिस्तान को देश की ओर से पहुंचाई जा रही मदद का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने काबुल के पड़ोसी और पुराने साझेदार के रूप में अपनी स्थिति सुनिश्चित की है। उन्होंने वहां के गुरुद्वारों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता जताई।
शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने का भारत है पक्षधर
रुचिरा ने कहा कि हमने सुरक्षा परिषद में बार-बार कहा है कि शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने का भारत पक्षधर है। अफगान लोगों से हमारे मजबूत ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई अपील के जवाब में हमने कदम उठाए हैं। भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे हैं। 10 बैचों में 32 टन चिकित्सा सहायता भेजी गई है। इसमें कोरोना टीकों की 50,0000 खुराक शामिल हैं। यह चिकित्सा खेप विश्व स्वास्थ्य संगठन और काबुल के इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल को सौंपी गई है।
गुरुद्वारों पर हमले को लेकर जताई नाराजगी
सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा-काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे पर हमला हुआ। इसके बाद 27 जुलाई को उसी गुरुद्वारे के पास एक और बम विस्फोट हुआ। अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमलों की यह शृंखला बेहद खतरनाक है।