सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई में हुए साम्प्रदायिक दंगों के 30 साल बाद महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या उन्होंने दंगों में गायब हुए 168 लोगों के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा दिया था और क्या उन्होंने मुआवजा सूची में 900 दूसरे पीड़ितों को भी शामिल किया। कोर्ट ने दो हफ्ते में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या सरकार यह बता सकती है कि घटना के कितने समय बाद मुआवजा दिया। गौरतलब है कि 1992-93 में मुंबई में हुए सांप्रदायिक हिंसा में 900 लोगों की मौत हुई थी और 168 लोग लापता हो गए थे।
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