बिहार में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एंट्री को बैन करने को लेकर नीतीश और तेजस्वी में आपसी सहमति बनती नहीं दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के राज्य में सीबीआई की डायरेक्ट एंट्री को लेकर दिए बयान से विवाद खड़ा हो गया था। इस पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पता नहीं कौन क्या-क्या बोलता है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीबीआई के संबंध में शिवानंद तिवारी के दावे को खारिज किया है। कुशवाहा ने कहा कि शिवानंद तिवारी के पास गलत जानकारी है। इस बारे में महागठबंधन सरकार और घटक दलों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। बिहार में बिना अनुमति के सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
नीतीश को इमेज खराब होने का डर
जदयू से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार सीबीआई की एंट्री को बिहार में बैन नहीं करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी छवि को कारण बताया जा रहा है। पूरे देश में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार सीबीआई की एंट्री को बिहार में बैन करके अपनी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। इसीलिए राजद की इस बात पर वह सहमत नहीं है।
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उल्लेखनीय है कि शिवानंद तिवारी सहित मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें फैलाई जा रही थीं कि कैबिनेट की बैठक में बिहार में सीबीआई की एंट्री बैन पर मुहर लगेगी। जैसा कि देश के नौ अन्य राज्यों ने कर रखा है लेकिन नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
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