रक्षा मंत्री ने बताया, भारत कब बनेगा विश्व गुरु, दुश्मन देशों को दिया कड़ा संदेश

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बेरोजगारी का संकट भाषण देने से समाप्त नहीं हो सकता, इसके लिए कठोर निर्णय की आवश्यकता होती है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और न ही एक इंच विदेशी भूमि पर कब्जा किया है, लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालने की कोशिश करता है, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत अब कमजोर नहीं, बल्कि सभी चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत और सक्षम है।

यह बात देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 30 अगस्त को उदयपुर के पन्नाधाय पार्क में मां पन्नाधाय की प्रतिमा के अनावरण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का ताकतवर देश बन गया है, आत्मनिर्भर भारत रक्षा क्षेत्र में 2047 तक पौने तीन लाख करोड़ का एक्सपोर्ट करेगा। आने वाला 25 साल भारत का अमृत काल है और भारत 2040 में विश्व गुरु पद पर आसीन होगा।

रक्षा मंत्री के संबोधन की खास बातेंः
-उन्होंने नए भारत के निर्माण में युवाओं के योगदान का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे महापुरुषों की प्रतिमाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। साम्राज्य और सम्राटों को सभी याद करते हैं लेकिन साम्राज्य और सम्राटों को बनाने वालों के पीछे जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हें भी याद किया जाना चाहिए। धाय मां पन्ना इसी बलिदान की वेदी पर एक अमर पन्ना है। इनके समर्पण से प्रेरणा लेकर हमें देश को मजबूत बनाना है।

-रक्षामंत्री ने कहा कि बेरोजगारी का संकट भाषण देने से समाप्त नहीं हो सकता, इसके लिए कठोर निर्णय की आवश्यकता होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वदेशी को बढ़ावा दिया जा रहा है, उन्होंने यह तय किया है कि 100 में से 68 फीसदी खरीद स्वदेशी ही हो। यदि कोई विदेशी कंपनी भारत में व्यापार करना चाहती है तो वह भारत में आए, फैक्ट्री लगाए, उत्पादन करे, ताकि भारत के हाथों को काम मिले।

-रक्षा मंत्री ने धाय मां पन्ना सहित हाड़ी रानी, दुर्गादास राठौड़ अमृता देवी, भक्तिमती मीराबाई को भी याद किया और मेवाड़ को भक्ति और शक्ति की धरा बताते हुए कहा कि यदि धाय मां पन्ना नहीं होती तो न उदय सिंह होते और ना वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप।

-समारोह में केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने भी पन्ना धाय के बलिदान को स्मरण करते हुए उनके बलिदान को सर्वोच्च बलिदान बताया। उन्होंने कहा कि नाहरी (क्षत्राणी) का जाया और गूजरी का धाया श्रेष्ठ योद्धा होता होता है।

-राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पन्नाधाय की प्रतिमा की जरूरत और महत्व को प्रतिपादित किया। साथ ही समारोह में आए गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों का अभिनंदन भी किया।

-नगर निगम महापौर गोविंद सिंह टाक, डूंगरपुर बांसवाड़ा सांसद कनक मल कटारा, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी सहित उदयपुर संभाग के भाजपा विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी आदि मंच पर मौजूद थे।

-नगर निगम उप महापौर पारस सिंघवी ने बताया कि पन्नाधाय की आदमकद प्रतिमा 9 फीट 6 इंच की है। तीन प्रतिमाओं के इस समूह में उदयपुर को बसाने वाले उदय सिंह की प्रतिमा 5 फीट 6 इंच की है। बलिदान हुए चंदन की प्रतिमा 4 फीट 11 इंच की है। तीनों प्रतिमाओं का कुल वजन 1130 किलो है। तेरह लाख की लागत से तीनों प्रतिमाओं का निर्माण करवाया गया है।

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-उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व आरंभ में मां भारती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर रक्षा मंत्री ने समारोह का आरंभ किया। उदयपुर शहर भाजपा जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, देहात भाजपा जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री को तलवार भेंट की। बृजलाल सोनी तथा गिरधारी लाल सोनी ने पणाधाय के शौर्य पर कविता प्रस्तुत की।

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