मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली प्रवास के दौरान 29 अगस्त की शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को प्रदेश के विकास कार्यों की जानकारी दी, साथ ही यह भी बताया कि राज्य में नगरीय निकाय में चुनकर आए प्रतिनिधियों का एक प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने उन्हें आमंत्रण दिया, जिसके लिए नड्डा ने आने की सहमति दे दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि आज नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से सौजन्य भेंट की और इस अवसर पर प्रदेश में विकास एवं जनकल्याण के विभिन्न कार्यों एवं प्रयासों से अवगत कराया।
विकास कार्यों से कराया अवगत
उन्होंने कहा कि मैं नड्डा जी के सतत सहयोग, समर्थन एवं मार्गदर्शन के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं। प्रदेश में आगामी दिनों में दो-दो मंत्रियों के समूह बनाकर उनके नियमित दौरे तैयार कर जिलों में चल रहे जनकल्याण और विकास के कार्यों की समीक्षा,प्रबुद्धजन एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन,जन समस्याओं के निराकरण की बैठकें,गरीब बस्तियों में संपर्क,संवाद की योजना से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मैंने जेपी नड्डा जी से आग्रह किया है कि आप पंचायती राज के नव निर्वाचित सदस्यों के सम्मेलन में मध्यप्रदेश जरूर पधारे, जिस पर उन्होंने जल्द ही प्रदेश आने की अपनी स्वीकृति प्रदान की है। में उनका अत्यंत आभारी हूँ।
कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं शिवराज
नड्डा से शिवराज की मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज जल्द ही कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। शिवराज इसे लेकर नड्डा से चर्चा कर सकते हैं। राज्य मंत्रिमंडल में फिलहाल चार पद रिक्त हैं। इसमें से तीन पद उपचुनाव में सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया व रघुराज कंषाना के हारने के बाद से खाली हैं। इनके विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास हैं। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 35 पद हैं। फिलहाल 30 मंत्री हैं।
इस बात की चर्चा
इधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां की जा सकती हैं। इसके लिए स्थानीय निकाय चुनाव होने का इंतजार किया जा रहा था। इसके साथ ही संगठन स्तर पर भी नियुक्तियां होंगी। इसे लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में जीत-हार की समीक्षा की गई है। अब परफार्मेंस के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। माना जा रह है कि प्रदेश के 10 से 12 जिलों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।