दिल्ली उच्च न्यायालय 31 अगस्त को गंभीर रोगों से जूझ रहे बीमारों को राष्ट्रीय आरोग्य निधि का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र दोनों की अनिवार्यता करने के प्रावधान के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच सुनवाई करेगी।
कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
5 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के अलावा एम्स को नोटिस जारी किया था। याचिका कैंसर से जूझ रही तीस वर्षीय महिला पूनम ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा था कि राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना की धारा 7 में कहा गया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र दोनों जरूरी है। याचिकाकर्ता को इलाज की सख्त जरूरत है। अगर याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय आरोग्य निधि से केवल इस आधार पर वित्तीय मदद नहीं मिलती है कि उसके पास राशन कार्ड नहीं है तो उसकी जान बचाई नहीं जा सकती है।
याचिका में क्या है?
याचिका में कहा गया है कि आय प्रमाण पत्र से ही साफ है कि याचिकाकर्ता गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की है। ऐसे में उसे राष्ट्रीय आरोग्य निधि से मदद नहीं करना समझ से परे है। ऐसा करना मनमाना और संविधान की धारा 14, 21, 38, 39, 41 और 47 का उल्लंघन है।