दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा जारी की गई आबकारी नीति का विरोध शुरू हो गया है। अगस्त को विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल का शिष्टमंडल आबकारी नीति के विरोध में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलने पहुंचा। अकाली दल नेताओं ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी शराब घोटाले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
अकाली दल का आरोप है कि जैसे दिल्ली की तरह पंजाब में करोड़ों का घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई और ईडी की जांच की मांग की गई है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद सुखबीर बादल ने लगाया ये आरोप
राज्यपाल से मुलाकात के बाद सुखबीर बादल ने कहा कि होलसेलर का प्रॉफिट पांच प्रतिशत से बढ़ाकर दस प्रतिशत कर दिया गया है। यह बढ़ा हुआ प्रॉफिट आप के खाते में गया। होलसेलर का प्रॉफिट क्यों बढ़ाया गया है। इस नीति को लागू करने से पहले पंजाब आबकारी विभाग के वित्तायुक्त, आबकारी आयुक्त दिल्ली में मनीष सिसोदिया के घर क्यों गए। इनकी मीटिंग दिल्ली में क्यों हुई।
शराब नीति पर सवाल
सुखबीर बादल ने कहा कि यह पूरी पॉलिसी एक टीम द्वारा बनाई गई है। दिल्ली और पंजाब की एक्साइज पॉलिसी एक ही टीम ने बनाई। जब दिल्ली में इसकी शिकायत हुई तो सरकार ने उसे कैंसिल कर दिया। सुखबीर बादल ने कहा कि सरकार ने इसमें शर्तें बदल अपने लोगों को लाभ पहुंचाया है। अकाली दल प्रधान ने कहा कि जिन्हें दिल्ली में एलवी दिया गया है उन्हें ही पंजाब में दिया गया है। इनमें से एक के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। ऐसे में पंजाब में बड़े घोटाले को होने से पहले बचाने के लिए जांच करवानी जरूरी है।