सोपोर मुठभेड़ः जानिये, मारे गए जैश आतंकियों का कितना खतरनाक था इरादा

मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की पहचान सोपोर के मोहम्मद रफी और पुलवामा के कैसर अशरफ के रूप में हुई है।

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एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने 31 अगस्त की देर रात तक जारी सोपोर मुठभेड़ के बारे में कहा कि बारामूला जिले के सोपोर इलाके में हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी मारे गए और एक नागरिक घायल हो गया। उन्होंने कहा, ‘दोनों आतंकी अपराध के कई मामलों में शामिल थे। इनपुट के अनुसार वे सोपोर इलाके में नागरिकों पर हमला करने की योजना बना रहे थे।’

विजय कुमार ने कहा कि मारे गए दोनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक भी घायल हो गया। जिसे श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है।

ऐसा था षड्यंत्र
एडीजीपी कुमार ने बताया कि मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की पहचान सोपोर के मोहम्मद रफी और पुलवामा के कैसर अशरफ के रूप में हुई है। आतंकी रफी पर पहले दो बार पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मार गिराए गए दो आतंकी
बता दें कि 31 अगस्त की देर शाम बारामूला के सोपोर के अंतर्गत पड़ते नागबल इलाके में सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने पर पूरे क्षेत्र की घेराबंदी करके तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने देर रात तक जैश के दो आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों के शवों के साथ हथियार तथा गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। हालांकि इस दौरान दोनों ओर से चली गोलीबारी में एक स्थानीय नागरिक भी घायल हो गया। उसे सुरक्षाबलों द्वारा तुरंत मौके से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।

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1 सितंबर तक जारी था तलाशी अभियान
क्षेत्र में एक अन्य आतंकी मौजूदगी की संभावना के चलते 1 सितंबर की सुबह भी कुछ देर के लिए सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान जारी रखा। हालांकि पूरा क्षेत्र खंगालने के बाद जब क्षेत्र में किसी भी आतंकी की मौजूदगी की संभावना समाप्त हो गई तो सुरक्षाबलों ने अभियान समाप्त कर दिया।

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