बिहार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान सहित दस लोगों को 17 साल पुराने मारपीट के एक मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है। यह सजा बक्सर के अपर जिला और सत्र न्यायाधीश तीन सह विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने सभी को सुनाई है। साथ ही पांच पांच हजार का अर्थदंड लगाया है। हालांकि, सजा तीन वर्षों से कम होने के कारण कोर्ट ने लगे हाथ सभी को जमानत भी दे दिया।
स्पेशल कोर्ट ने आईपीसी के धारा 147-148 के तहत बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान, मदन यादव, मनोज यादव, सुबोध यादव, रामबचन यादव, भीम यादव, भुवर यादव, लक्ष्मण तुरहा, खुशी चंद्र सिंह, अख्तर हुसैन को सजा सुनाई गई है। आर्थिक जुर्माना भुगतान नहीं करने पर एक महीना अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
ऐसा है प्रकरण
मामले की जानकारी देते हुए एपीपी सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि 25 अक्टूबर, 2005 को राजद नेता रामजी यादव को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया था। रामजी यादव ने 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। रामजी यादव कोपवां के रहने वाले हैं। उनका आरोप था कि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे ददन पहलवान ने इसलिए उनकी पिटाई की क्योंकि उन्होंने राजद प्रत्याशी सुनील कुमार उर्फ पप्पू यादव का विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए मदद की थी।
रामजी यादव ने बताया कि 25 अक्टूबर, 2005 को वे डुमरांव के कलावती काम्प्लेक्स स्थित राजद कार्यालय में बैठे थे। सभी आरोपित वहां पहुंचे और लाठी-डंडे से उनकी जमकर पिटाई की। उनकी इतनी पिटाई की गई कि वे अधमरा होकर गिर पड़े थे।
राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाने में भूमिका
ददन पहलवान ने वर्ष 2000 में लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल को समर्थन देकर तीसरी बार राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनने में सहायता की थी। इसके बाद 2005 में उनकी आरजेडी से खटकी को मुलायम सिंह यादव की पार्टी से चुनाव लड़े और जीत गए। वे तीन बार डुमराव से विधायक रह चुके हैं।
आपराधिक रही है छवि
बाहुबली माने जानेवाले ददन पहलवान पर आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास, आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी-बेईमानी के प्रकरण पंजीकृत हैं। उनकी अकूत संपत्ति और आपराधिक छवि के कारण प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर भी ददन पहलवान हैं। आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण भी उन पर दर्ज है।