अयोध्या में दिवाली का त्योहार भव्य तरीके से मनाने की योजना को कार्य रूप देने की तैयारी की जा रही है। इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दीपोत्सव मनाने की योजना है। जहां इस वर्ष हर वर्ष से अधिक दीये जलाए जाएंगे, वहीं विविधिता भी देखने को मिलेगी।
दीयों को बनाने का सिलसिला जारी है। इस वर्ष 75 जिले के हर ग्राम सभा की मिट्टी से बने 10-10 दीए प्रज्वलित किए जाएंगे। दीयों को बनवाने और जमा करने की जिम्मेदारी सभी जिलाधिकारियों को सौंपी गई है। इसके साथ ही इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
इस तरह की है योजना
गांवों से दीया इकट्ठा करने के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। शासन स्तर पर जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वह दीपोत्सव के लिए बनाए गए दीयों को दीपदान संयोजक डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रमुख डा. अजय प्रताप सिंह या अयोध्या के उप निदेशक पर्यटन राजेंद्र प्रसाद यादव को अपने-अपने जिलों में इकट्ठा किए गए दीयों को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। प्रदेश में करीब 90 हजार ग्राम सभाएं हैं।
इस बार 14 लाख 50 हजार दिये जलाने का है लक्ष्य
23 अक्टूबर को अयोध्या में दीपोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस बार 14 लाख 50 हजार दीये प्रज्वलित करने को प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। गोरखपुर में कुल 1294 ग्राम सभाएं हैं। हर ग्राम से 10 दीयों के हिसाब से 12 हजार 940 दीयों को अयोध्या भेजा जाएगा।
हर वर्ष बढ़ती रही है दीयों की संख्या
अयोध्या में इस वर्ष छठा दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसका शुभारंभ 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कराया था। प्रथम वर्ष एक लाख 80 हजार दीये अयोध्या के सरयू तट जलाए गए थे। 2018 में तीन लाख से अधिक दीये प्रज्वलित किए गए थे। 2019 में साढ़े चार लाख दीये प्रज्वलित किए गए थे। 2021 में नौ लाख दीये प्रज्वलित करने पर इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ज रिकॉर्ड में दीपोत्सव को स्थान मिला था। इस बार शासन की योजना उस रिकॉर्ड को तोड़ने की है।