राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों महाराष्ट्र के तीन शिक्षकों को शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम के लिए यह पुरस्कार दिया गया। जिन शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया है, उनमें बीड जिले के गेवराई तहसील के जिला परिषद स्कूल के सहायक शिक्षक शशिकांत कुलथे, पारगाव जोगेश्वरी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक सोमनाथ वालके और मुंबई छत्रभूज नरसी मेमोरियल स्कूल की प्रधानाध्यापिका कविता संघवी शामिल हैं।
दिल्ली के विज्ञान भवन में शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2011 के लिए आयोजित कार्यक्रम में 6 सितंबर को देश भर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इनमें 18 महिला शिक्षक, एक दिव्यांग सहित बाकी पुरुष शिक्षक हैं। महाराष्ट्र के तीन शिक्षक भी इनमें शामिल हैं।
पुरस्कार प्राप्त करने वालों में बीड जिले के जिला परिषद स्कूल के शिक्षक सोमनाथ वालके ने लोगों से 15 लाख से अधिक की राशि इकट्ठा कर स्कूल के विकास का काम किया। विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ ही अन्य गुणो को विकसित करने के लिए स्कूल में रिकॉर्डिंग, म्यूजिक स्टूडियो बनाने के साथ ही रोबोटिक, कोडिंग, ड्रोन आदि का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है।
गेवराई जिला परिषद के प्राथमिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकांश विद्यार्थी बंजारा और गन्ना कटाई मजदूर परिवार से हैं। इस स्कूल के सहायक शिक्षक शशिकांत कुलथे ने स्थलांतरित परिवार के छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण कराया। इसके साथ ही स्कूल की ओर से बच्चों को खाना भी दिया जाता है। इस स्कूल में विद्यार्थियों का ड्रॉप आउट जीरो है।
मुंबई के छत्रभूज नरसी मेमोरियल स्कूल की प्रधानाध्यापिका कविता संघवी ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए ग्लोबल आउटलुक नामक स्टीम आधारित एक पाठ्यक्रम तैयार किया है।