दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नार्को-टेरर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से 312.5 किलोग्राम मेथाफेटामाईन और 10 किलो रिफाइन हेरोइन जब्त की गई है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1200 करोड़ रुपए बताई जा रही है। जांच के अनुसार, ड्रग्स की खेप पहले चेन्नई से लखनऊ और वहां से दिल्ली लाई गई थी।
कार से खुला राज
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दोनों अफगान नागरिकों की पहचान मुस्तफा और रहिमुल्लाह के रूप में हुई, जो बड़े लेवल पर ड्रग्स सप्लायर का काम करते थे। ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ने वाली टीम में एसीपी हृदयभूषण, इंस्पेक्टर विनोद बडोला, इंस्पेक्टर सुंदर गौतम और यशपाल भाटी शामिल थे।उन्होंने कालिंदी कुंज के पास से एक कार को इंटरसेप्ट किया। कार से मैथाफेटामाईन के साथ दो अफगानी नागरिक मुस्तफा और रहिमुल्लाह की गिरफ्तारी की गई। तब इनके पास से 2.5 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी। इनसे पूछताछ के बाद नोएडा से भी हेरोइन बरामद हुई है। इसके अलावा लखनऊ से भी रॉ मटेरियल बैग से बरामद किया गया है।
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तस्करी का अंतरराष्ट्रीय मार्ग
जांच में पता चला है कि मुस्तफा काबुल और दूसरा आरोपित रहिमुल्लाह कंधार का रहने वाला है। ये मेथाफेटामाईन अफगानिस्तान से समुद्र के रास्ते ईरान आया था। ईरान से अरब सागर होते हुए साउथ इंडिया के पोर्ट लाया गया था। ड्रग्स के साथ जिन दो अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, वे भारत में बतौर रिफ्यूजी रह रहे थे। वीजा की मियाद भी लगातार बढ़वा रहे थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का इनके ऊपर पहले से सर्विलांस था। स्पेशल सेल ने इस पूरे अंतरराष्ट्रीय नार्को टेरर मॉड्यूल की जानकारी देते हुए बताया कि मुस्तफा और रहिमुल्लाह को तीन सितंबर को पकड़ा था। दोनों 2016 से भारत में रह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मेथाफेटामाईन नाम के ड्रग्स का नया बेस अब अफगानिस्तान बन चुका है। ये ड्रग्स पश्चिमी देशों में भी सप्लाई की जा रही है। स्पेशल सेल ने नार्को टेररिजम को लेकर यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है।
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