पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.एस संधावालिया ने, जींद निर्वाचन क्षेत्र से 28-01-2019 को निर्वाचित भाजपा विधायक डॉ.कृष्ण लाल मिड्डा के विरुद्ध चुनाव याचिका को ये कहते हुये रद्द कर दिया कि ये कानून का दुरूपयोग है तथा चुने हुए प्रतिनिधि को परेशान करने का प्रयास है। इस चुनाव में पराजित हुये एक निर्दलीय उम्मीदवार मास्टर रमेश खतरी ने ये चुनाव याचिका इस आधार पर डाली थी कि डॉ. मिड्डा ने अपने चुनाव में कई अनिमितायें की तथा भ्रष्ट आचरण अपनाया। प्रार्थी ने यह प्रार्थना भी की थी कि डॉ. मिड्डा के चुनाव को रद्द करके उन्हें 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाए।
डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा के वकील धीरज जैन ने इस याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति लेते हुये अदालत से आग्रह किया कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है इसमें सभी आवष्यक तथ्य नहीं दिये गये हैं। अतः इस चुनाव याचिका को प्रारम्भ में ही रद्द किया जाये। धीरज जैन ने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देते हुये कहा कि जो याचिका विचार योग्य नहीं होती हैं उसे प्रारंभ में ही रद्द किया जाना चाहिये क्योंकि उसे ट्रायल पर ले जाने से अदालत का समय ही बर्बाद होता है।
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दूसरी ओर मास्टर रमेश खतरी के वकील दीक्षित खतरी ने कहा कि यह चुनाव याचिका पूरी तरह से विचार योग्य है तथा इसे ट्रायल पर ले जाना चाहिये। अदालत ने अपने 57 पेज के फैसले में कहा कि यह याचिका केवल कानून का दुरूपयोग है क्योंकि इसमें कोई केस नहीं बनता तथा ये समय अवधि के भी बाहर है। माननीय अदालत ने अपने निर्णय में यह भी लिखा कि अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह याचिका न्यायालय का दुरूपयोग है तथा यह केवल चुने हुए प्रतिनिधि को परेशान करने का प्रयास है। इस परिस्थिति में अदालत धीरज जैन द्वारा दायर आपति याचिका को स्वीकार करती है तथा इस चुनाव याचिका को खारिज करती है।
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