चलती कार में लगी आग, चालक ने ऐसे बचाई जान

लखनऊ शहर की सड़कों पर बिना नियमों को माने 20-25 साल तक पुराने वाहन दौड़ते देखे जा सकते हैं। 7 सितंबर की रात जिस मारुति कार में आग लगी, वह 2000 मेक माॅडल यानी 22 साल पुरानी थी।

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लखनऊ के सीतापुर रोड पर सेवा अस्पताल के सामने 7 सितंबर की देर रात शहर की तरफ आ रही एक कार में अचानक आग लग गई। इंजन से लपटें उठती देख चालक गाड़ी धीमी कर वाहन से कूद गया। चंद कदम दूर जाकर गाड़ी आग के गोले में तब्दील हो गई।

जहां वाहन में आग लगी, छठा मील फायर स्टेशन वहां पास ही था। फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची और पानी की बौछारों से आग पर काबू पाया लेकिन तब तक गाड़ी पूरी तरह जल चुकी थी। गाड़ी से जान बचाकर निकले फैजुल्लागंज निवासी चालक अंकित मिश्रा ने बताया वाहन में गैस-किट लगी थी, लेकिन घटना के वक्त गाड़ी पेट्रोल से चल रही थी। शार्ट सर्किट होने की वजह से आग लग गई। वाहन में उनके अलावा कोई और नहीं सवार था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

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ताक पर सरकारी नियम, बेधड़क दौड़ रहे पुराने वाहन
अमूमन किसी बड़ी घटना के बाद ही जागने वाले प्रशासन ने यूपी सरकार की एडवाइजरी को फिलहाल ताक पर रख रखा है। पिछले साल अक्टूबर में प्रदूषण व सुरक्षा के हालात के देखते हुए सरकार ने आदेश जारी किया कि प्रदेश में अब 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां नहीं चल सकेंगी, उनका दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पर अतिरिक्त शुल्क और ग्रीन टैक्स देना होगा। साथ ही फिटनेस आदि जांची जाएगी। लेकिन शहर की सड़कों पर बिना नियमों को माने 20-25 साल तक पुराने वाहन दौड़ते देखे जा सकते हैं। 7 सितंबर की रात जिस मारुति कार में आग लगी, वह 2000 मेक माॅडल यानी 22 साल पुरानी थी।

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