तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने राज्य सरकार द्वारा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और उन्हें हर जगह अपमानित करने के लिए उसके प्रति नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के इतिहास में यह लिखा जाएगा कि कैसे एक महिला राज्यपाल के साथ भेदभाव करते हुए उसके अधिकारों का हनन किया गया।
दरअसल, पिछले कुछ समय से तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बीच खींचतान जारी है और राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच दूरियां और बढ़ी हैं।
राज्यपाल ने बताया-कब-कब हुआ उनका अपमान
-राज्यपाल 8 सितंबर को यहां राजभवन में आयोजित ‘तेलंगाना के लोगों की सेवा में चौथे वर्ष की शुरुआत’ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर राजभवन और सरकार के बीच बढ़ रही कटुता सबके सामने आ गई। इस मौके पर तीन साल के कार्यकाल पूरे होने संबंधी कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया गया और एक राज्यपाल के रूप में उनकी गतिविधि पर आधारित डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई। राज्यपाल ने इस अवसर पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर भी नहीं दिया गया।
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-उन्होंने मुख्यमंत्री केसीआर की आलोचना करते हुए कहा कि राज्यपाल के कार्यालय को अपमानित किया गया। हाल ही में सम्पन्न स्वतंत्रता दिवस समारोह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस बात से निराश हैं कि राज्यपाल को ध्वजारोहण की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाती हूं, प्रोटोकॉल का पालन नहीं होता है। राज्य के इतिहास में लिखा जाएगा कि कैसे एक महिला राज्यपाल के साथ भेदभाव किया गया।
-राज्यपाल ने कहा कि उनके कार्यालय का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक दक्षिणी क्षेत्रीय बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में हिस्सा लिया। इस बैठक में 75 प्रतिशत मुद्दे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से थे। सभी मुख्यमंत्री वहां मौजूद थे लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री (केसीआर) इसमें शामिल क्यों नहीं हुए? जब केंद्रीय गृहमंत्री समस्या को हल करने के लिए हैं तो केसीआर को क्या समस्या है। इस अवसर का उपयोग क्यों नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री के अच्छे संबंध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत खराब है। राजनेता निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
-राज्यपाल ने कहा कि सरकारी कर्मचारी अपना काम कर रहे हैं और अगर हर जनप्रतिनिधि उपलब्ध है तो लोग मेरे पास अपनी समस्याएं क्यों लेकर आ रहे हैं। जब मैं जिलों का दौरा करती हूं तो पुलिस अधीक्षक व जिलाधीश नहीं आ रहे हैं और प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि वे किससे निर्देश ले रहे हैं, जो वे नहीं आ रहे हैं। अगर वे नहीं आते हैं तो उन्हें परवाह नहीं।
-केसीआर सरकार की निंदा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने कुछ समस्याओं की ओर इशारा किया और सरकार को सूचित किया है लेकिन उन्हें नहीं पता कि वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं या नहीं। राज्यपाल का कहना है कि उनका उद्देश्य केवल लोगों की मदद करना है और सब कुछ लोगों की सेवा के लिए ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक शीर्ष निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल नहीं हो रहा है, तो उनके कार्यालय को कम से कम सूचित करना चाहिए।
-उधर, विधान परिषद सदस्य के. कविता ने राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सरकार को लेकर की गयी टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की है। एमएलसी कविता ने कहा कि राज्यपाल ने तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को बदनाम करने के उद्देश्य से राजभवन को राजनीतिक मंच बनाया है। भाजपा द्वारा केसीआर सरकार के प्रति किए जा रहे दुष्प्रचार का प्रभाव जनता पर नहीं पड़ने के चलते अब राज्यपाल द्वारा इस प्रकार के बयान सामने आने लगे हैं।
-इसी प्रकार आदिवासी व महिला-शिशु कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ ने आरोप लगाया कि राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन अपनी मर्यादा से परे जाकर व्यवहार कर रही हैं। उन्होंने अपने कार्यालय से जारी एक प्रेस नोट में कहा है कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव हमेशा महिलाओं का आदर करते हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पूर्व में राज्यपाल के साथ कोई समस्या पैदा नहीं हुई, तो अब क्यों हो रही है।
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