भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) अब बेस किचन से ट्रेनों में खाना सप्लाई करने की तैयारी में है। ट्रेनों में घटिया खाना परोसे जाने या अधिक पैसे वसूलने जैसी खानपान से जुड़ी शिकायतों लिए नया सिस्टम विकसित किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लखनऊ से शुरू करने की तैयारी है।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम को न्यू कैटरिंग पॉलिसी के तहत खानपान की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। इसके बाद आईआरसीटीसी ने बेस किचन बनवाए हैं। कोविड काल में इसका उपयोग नहीं हो सका, लेकिन अब यहां से ट्रेनों में खाना सप्लाई करने की तैयारी है। आईआरसीटीसी ने ट्रेनों में घटिया खाना परोसे जाने या अधिक पैसे वसूलने जैसी खानपान से जुड़ी शिकायतों की जल्द से जल्द निस्तारण करने की पहल की है। इसके तहत अब ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जिस पर यात्री, ठेकेदार के साथ अधिकारी भी उपलब्ध होंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लखनऊ से शुरू करने की तैयारी है।
रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य सुनील कुमार ने बताया कि कैटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम मॉड्यूल बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म पर यात्रियों, रेलवे, ठेकेदारों और आईआरसीटीसी को लाकर खड़ा किया गया है। ऐसे में जैसे ही शिकायत आएगी, वह तुरंत सम्बंधित जोन, मंडल और स्टेशन पर पहुंच जाएगी। इससे शिकायत निस्तारण में आसानी होगी और एक डाटाबेस भी तैयार होगा।
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उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लखनऊ से शुरू किया जाएगा। यहां बड़ी संख्या में कैटरिंग ठेकेदार (कॉन्ट्रैक्टर) हैं। मॉड्यूल सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस सिस्टम के तहत यदि किसी के विरुद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी तो बाबुओं के मोहताज नहीं रहना पड़ेगा। इसमें ऑटो जेनरेटेड सिस्टम होगा जो सीधे कार्रवाई का लेटर सम्बंधित के पास भेज देगा। इससे शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द हो जाएगा।
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