दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में 10 सितंबर को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर सुनवाई टाल दी। स्पेशल विजय कुमार झा ने अब 30 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है।
10 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील आशीष कुमार सक्सेना ने आरोप तय करने को लेकर आंशिक दलीलें रखीं। साथ आरोपित विजय यादव, राहुल दुबे और प्रशांत कुमार की ओर से भी निशांत मदन ने आरोपों से बरी करने की दलीलें रखीं। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि तीनों आरोपितों के खिलाफ हत्या का मामला कैसे बनता है, इस पर जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने 30 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। इससे 22 अप्रैल को आरोपित विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल किया था। सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय की मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपी थी। इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल की थी।
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इस मामले में कोर्ट ने आरोपित पुलिसकर्मी थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार को तिहाड़ शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। इसके बाद 26 फरवरी को सभी आरोपित राउज एवेन्यू कोर्ट में वर्चुअल तौर पर पेश हुए थे। सुनवाई में मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता के परिजनों समेत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम भी शामिल हुई थी।
उल्लेखनीय है कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को घुसे पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर दी थी। मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे। आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी तरह से पीटा कि उनकी मौत हो गई। इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे।
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