छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ रुपये के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए घोटाले मामले की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले को बेहद गंभीर बताते हुए सीबीआई जांच की मांग उठाई।
तुषार मेहता ने घोटाले के मुख्य आरोपित आईएएस अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला को बिलासपुर हाई कोर्ट द्वारा मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग भी की। नान घोटाले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
ईडी ने अपने हलफनामे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नान घोटाले के आरोपितों को बचाने के लिए जांच को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए तथ्य पेश किए हैं। तुषार मेहता ने घोटाले के मुख्य आरोपित आईएएस अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला को बिलासपुर हाई कोर्ट द्वारा मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग भी की।
नान घोटाले के मुख्य गवाह गिरीश शर्मा से ईओडब्ल्यू के तत्कालीन अधिकरियों ने लगभग 20 लाख रुपये जब्त किए थे। गिरीश शर्मा ने अपने बयान में बताया था कि यह रकम अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला के हाथों में जानी है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट में एक याचिका दायर कर गिरीश शर्मा ने भी नान घोटाले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।
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