यूक्रेन ने पूर्वी क्षेत्र में आगे बढ़ने का किया दावा, रूसी सेना पीछे हटी

यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेह निकोलेंको ने बताया कि हमारे सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेन के कुपियांस्क शहर को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है।

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यूक्रेन की सेना को देश के उत्तर-पूर्व में रूसी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली है। यह दावा 10 सितंबर को यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेह निकोलेंको ने किया है। वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह यूक्रेन के खारकीव में दो जगहों से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है।

देश के दूसरे सबसे बड़े शहर, खारकीव के दक्षिण में यूक्रेन द्वारा सफलता हासिल करने की यह खबर कई दिनों के बाद सामने आई है। लगभग सात माह पहले युद्ध की शुरुआत में कीव पर कब्जा करने संबंधी रूसी प्रयास को विफल करने के बाद यूक्रेनी सेना के लिए यह बड़ी सफलता साबित हो सकती है।

यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेह निकोलेंको ने बताया कि हमारे सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेन के कुपियांस्क शहर को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है। निकोलेंको ने एक फोटो भी ट्वीट की है, जिसमें यूक्रेन की 92वीं सेपरेट मैकेनाइज्ड बटालियन के सैनिकों को वहां मौजूद दिखाया गया। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा, जिसे एसबीयू के नाम से जाना जाता है, ने घंटों बाद एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि कुपियांस्क में उनकी सेना प्रवेश कर गई है। शनिवार को सोशल मीडिया पर वीडियो दिखाया गया कि ग्रामीण इलाके इजियम में यूक्रेनी सेना मौजूद है।

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इससे पहले 10 सितंबर को ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने संवाददाताओं से कहा कि उसका मानना है कि यूक्रेनी सेना खारकीव से 50 किलोमीटर (30 मील) दक्षिण में आगे बढ़ी है।

रूस ने सैनिकों को वापस बुलाया: दूसरी तरफ रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनशेंकोव ने 10 सितंबर को बताया कि बालक्लीया और इज्यूम इलाकों में सैनिकों की दोनेस्क क्षेत्र में फिर से तैनाती की जाएगी। खारकीव में ही इज्यूम रूसी सेना का महत्वपूर्ण ठिकाना था।

प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व यूक्रेन के एक हिस्से डोबान्स को मुक्त कराने के लिए विशेष सैन्य अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने के मकसद से यह कदम उठाया गया है।

उल्लेखनीय है कि रूस इस क्षेत्र पर अपना सम्प्रभु अधिकार होने का दावा करता है। सैनिकों को वापस बुलाने और उनके डोन्सेक में उनकी फिर से तैनाती के पीछे बताया गया यह कारण बिलकुल वैसा ही है जैसा कि रूस ने कहव से सैनिकों को वापस बुलाते समय इस साल की शुरुआत में दिया था।

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