इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्नोग्राफी से यौन अपराध बढ़ने पर अध्ययन की मांग, इस टिप्पणी के साथ याचिका खारिज

चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप प्रजावाला केस में हस्तक्षेप करें। वो मामला इसी से जुड़ा है।

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 सर्वोच्च न्यायालय ने इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी की उपलब्धता और उसके चलते यौन अपराधों की बढ़ती संख्या का अध्ययन करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। उसके बाद भाजपा प्रवक्ता और वकील नलिन कोहली ने याचिका वापस ले ली।

चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप प्रजावाला केस में हस्तक्षेप करें। वो मामला इसी से जुड़ा है। कोहली का कहना था कि इस अध्ययन से भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। कोहली ने कहा कि इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी और अपराध में सीधा संबंध है।

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दरअसल, एक एनजीओ प्रजावाला ने इस मसले पर याचिका दायर की थी। सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन ने कोर्ट के समक्ष रेप के कई वीडियो सौंपे थे, जो इंटरनेट पर वायरल हो चुके थे।

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