दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल 13 सितंबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगी। सत्येंद्र जैन इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। पिछली सुनवाई में 8 सितंबर को ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वो अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
इस तरह चली सुनवाई
-ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि जैन के खिलाफ केस इसलिए दर्ज नहीं किया गया कि वे कंपनी के शेयरधारक होने या लाभ की स्थिति में हैं बल्कि कंपनी को नियंत्रित करने और 16 करोड़ रुपये के बेनामी ट्रांजैक्शन को लेकर है। राजू ने जैन की ओर से 2018 में इनकम टैक्स को लिखे पत्र का हवाला भी दिया। इससे पहले 23 अगस्त को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को नियमित जमानत दी थी। 29 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपित अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन को अंतरिम जमानत दी थी। चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ईडी जिन तीन कंपनियों का नाम ले रही उस कंपनी के सत्येंद्र जैन डायरेक्टर ही नहीं हैं तो आपने उन्हें आरोपित कैसे बनाया।
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-ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल को आरोपित किया है। सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन न्यायिक हिरासत में हैं। सत्येंद्र जैन को 30 मई और वैभव जैन व अंकुश जैन को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
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