कोरोना महामारी के कारण आम लोगों को पिछले करीब 10 महीने से मुंबई लोकल में यात्रा की मंजूरी नहीं है। इस वजह से नौकरीपेशा और अन्य लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे जल्द से जल्द मुंबई लोकल में यात्रा करने की मंजूरी देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी तक कोरोना महामारी के खतरे के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार इसकी मंजूरी देने से कतरा रही है। अंदेशा है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुंबई लोकल को चेन्नई पैटर्न पर सभी लोगों के लिए चलाया जा सकता है।
क्या है चेन्नई पैटर्न?
चेन्नई में कोरोना संक्रमण के समय 3 चरणों में लोकल चलाने की मंजूरी दी गई है। पहले चरण में अत्यावश्यक कर्मचारियों को लोकल में मंजूरी दी गई है। नॉन पिक ऑवर में महिलाओं को और 23 दिसंबर 2020 से सभी लोगों को (नॉन पिक ऑवर में) यात्रा की मंजूरी दी गई है। इसी आधार पर मुंबई लोकल में आम लोगों को यात्रा करने को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी की जा सकती है।
संक्षिप्त में
- तीन चरणों में चलाई जा रही है लोकल
- पहले चरण में पिक ऑवर में अत्यावश्यक कर्मचारी
- दूसरे चरण में यानी नॉन पिक ऑवर में महिलाएं
- तीसरे चरण में नॉन पिक ऑवर में सभी लोगों को यात्रा की मंजूरी
मुंबई में 90 फीसदी ट्रेनों का संचालन
फिलहाल मुंबई में 90 प्रतिशत लोकल ट्रेनों को चलाया जा रहा है। मध्य रेलवे पर 1572 और पश्चिम रेलवे पर 1201 लोकल का संचालन किया जा रहा है। वैसे, चेन्नई और मुंबई लोकल में काफी फर्क है। मुंबई में चेन्नई की अपेक्षा चार गुना ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं।
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मुंबई लोकल के विकल्प
- सभी महिलाओं को यात्रा करने की मंजूरी
- आम लोगों को पिक ऑवर को छोड़कर अन्य समय में यात्रा की मंजूरी
- रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक सभी लोगों को यात्रा की मंजूरी
10 महीने से आम लोगों को यात्रा की मंजूरी नहीं
बता दें कि कोराना संक्रमण के कारण 23 मार्च 2020 से मुंबई लोकल बंद कर दी गई थी। बाद में इसे सिर्फ अति आवश्यक सेवा से जुड़ लोगों और कर्मचारियों के लिए शुरू की गई। उसके बाद कई चरणों में शिक्षक, वकील, सुरक्षाकर्मी, बैंककर्मी और डब्बावालों को यात्रा की मंजूरी दी गई। लेकिन अभी भी सामान्य लोगों को वेस्टर्न, सेंट्रल और हार्बर, तीनों रेलवे रुटों पर यात्रा की मंजूरी नहीं है।
दबाव में सरकार
कोरोना से मिल रही राहत के बाद मुंबई में तेजी से जनजीवन सामान्य हो रहा है। ज्यादातर दुकानें, कार्यालय, कंपनियां और व्यापार-व्यवसाय शुरू हो चुके हैं। लेकिन लोकल ट्रेनों में यात्रा की मंजूरी नहीं होने से लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मध्य और निम्न वर्ग के लोग बसों में यात्रा कर रहे हैं। लेकिन बसों में काफी भीड़ होने और हर रुट के लिए समय पर बस उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसके साथ ही बसों में भीड़ बढ़ जाने की वजह से कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन भी नहीं हो रहा है। इस कारण कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।