मुंबई-अहमदाबाद हाई-वे पर पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की मौत हो गई। इस मामले की जांच कर रही एक उच्चस्तरीय समिति ने कहा है कि दुर्घटना में सायरस मिस्त्री की मौत कार के तेज रफ्तार और सीट बेल्ट न लगाने से हुई। जांच समिति ने यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
चार सितंबर को मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले की उस समय मौत हो गई, जब उनकी मर्सिडीज कार पालघर जिले में सूर्या नदी पर बने पुल के डिवाइडर से टकरा गई थी। कार चला रही अनाहिता पंडोले और उनके पति डेरियस पंडोले को चोटें आईं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौत की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे। इसके लिए गठित समिति में शामिल एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन के प्रमुख का कहना था कि साइरस मिस्त्री की कार की गति मौके पर 40 किमी प्रति घंटे की निर्धारित अधिकतम सीमा से भी अधिक थी और बायीं ओर से ओवरटेक करने की संभावना थी। वहीं, मर्सिडीज कंपनी की ओर से महाराष्ट्र पुलिस को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटना से कुछ सेकंड पहले कार 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, जबकि पुल पर डिवाइडर से टकराते समय इसकी गति 89 किमी प्रति घंटे थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना से पांच सेकंड पहले कार के ब्रेक लगाए गए थे। गति में अचानक कमी आने के कारण कार 35 डिग्री के कोण पर मुड़ी और पुल पर डिवाइडर से टकराई।
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दुर्घटना के कारण
राज्य परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने के नेतृत्व में गठित जांच समिति में पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल और सेव लाइव फाउंडेशन के प्रमुख भी शामिल थे। राज्य परिवहन आयुक्त ढाकने ने कहा है कि जिस ब्रिज पर सायरस मिस्त्री की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उसके निर्माण में कुछ खामियां थीं। सड़क निर्माण में बदलाव की जरूरत है और पुल की दीवारों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जिस सड़क पर दुर्घटना हुई वह घुमावदार थी। सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए मौजूदा राजमार्ग चिह्न, रेखाचित्र और सीमांकन अपर्याप्त थे। साथ ही, सड़क किनारे पुल के ऊपरी हिस्से का निर्माण भी दुर्घटना का कारक था। साथ ही सायरस मिस्त्री ने हाई-वे पर तेज रफ्तार कार में सफर करते हुए भी अपनी सीट बेल्ट नहीं बांधी। यह गलती भी साइरस मिस्त्री की आकस्मिक मौत का मुख्य कारण थी। इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।