हिमाचल प्रदेश फायर बिग्रेड कर्मचारी यूनियन द्वारा वर्क टू रूल के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडी में होने वाली रैली पर संकट मंडराने लगा है। अगर ऐलान के अनुसार 24 सितंबर तक भी फायर कर्मचारी वर्क टू रूल पर अडिग रहे तो बिना फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के पीएम का चौपर कैसे लैंड कर पाएगा। क्योंकि फायर ब्रिगेड यूनियन ने 20 सितंबर से वर्क टू रूल का ऐलान किया है। जिसमें यूनियन ने सभी वीआईपी और वीवीआईपी ड्यूटियों का बहिष्कार किया है। नियमानुसार यदि कहीं भी चौपर उतरता है तो वहां पर अग्निशमन वाहन ओर कर्मचारियों का होना अनिवार्य होता है।
वेतन विसंगति का मामला न सुलझने पर फायर बिग्रेड यूनियन ने 20 सितंबर से प्रदेश के तमाम फायर ब्रिगेड स्टेशनों, फायर चौकियों में वर्क टू रूल के अनुसार ड्यूटियां देने का ऐलान किया है। इस दौरान वीआईपी व वीवीआईपी ड्यूटियो का वहिष्कार किया जाएगा । कर्मचारी अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त ड्यूटी भी नहीं देंगे। हिमाचल प्रदेश में आने वाले वीआईपी व वीवीआईपी को भी ऐसी स्थिति में अग्निशमन विभाग की सुविधा नहीं मिल पाएगी।
बड़ा अग्निकांड होने पर अतिरिक्त फायर कर्मियों की भी नहीं मिल पाएंगे । जिससे कई प्रकार की दिक्कतों का आमजन व सरकार को सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश के 300 के करीब फायर ब्रिगेड कर्मचारी बर्दी में 15 सितंबर को ओक ओवर शिमला में व स्चीवालय में सी एम जयराम ठाकुर से भी मिले । लेकिन वार्ता में निराशा ही हाथ लगी । वेतन विसंगति का मामला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर, घन श्याम शर्मा , वित्त सचिव प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष उठा चुकी है। लेकिन इसके बाबजूद भी इस वर्ग की समस्या को सुलझाने के लिए आज दिन तक कोई भी कार्रवाई अमल में नही लाई गई है।
हिमाचल प्रदेश फायर बिग्रेड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों को वर्ष 2006 के पे-बैंड एवं ग्रेड-पे को वर्ष सितंबर 2012 में दोबारा संशोधित करके अन्य विभागों पुलिस आरक्षी, जेल वार्डन, वनरक्षक, पटवारी व लिपिक को बेसिक-पे 10,300-34800 व ग्रेड-पे 3200 जारी कर दिया गया था। लेकिन इस दौरान फायर बिग्रेड के कर्मचारियों को वर्ष 2012 से उपरोक्त संशोधन वेतनमान नही दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले को 17 अक्तूबर 2015, 13 जुलाई 2018 के तहत भी विभाग के फायर ब्रिगेड के तकनीकी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान प्रदान करने के लिए सरकार से अनुरोध किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने छठे वेतन आयोग के अंतर्गत वेतनमान को तो लागू कर दिया, लेकिन इस दौरान वर्ष 2012 की वेतन विसंगति को दूर नही किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष के हितों के साथ कुठाराघात किया गया है। मामले को हर उचित सरकारी मंच पर उठाया जा चुका है। लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई अमल में नही लाई गई है। जिससे तकनीकी कर्मचारियों मे रोष व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में फायर बिग्रेड कर्मचारी आपात सेवा में डटे हुए हैं। और प्रदेश की अरबों की सरकारी ब निजी संपत्ति को आग आपदा से बचा रहे हैं । फिर भी इनकी वेतन विसंगति की मांगो को नजरंदाज किया गया है ओर अब 20 सितंबर से लगातार आन्दोलन को शुरू किया जा रहा है। इस दोरान होने वाली किसी भी घटना की जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।
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